जम्मू, 12 मई (Udaipur Kiran) । भगवान बुद्ध की जयंती को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाने के लिए सोमवार को क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु बुद्ध विहार बिश्नाह में एकत्रित हुए। पवित्र परिसर मंत्रोच्चार और प्रार्थनाओं से गूंज उठा क्योंकि लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की और महान आध्यात्मिक नेता की शिक्षाओं को याद किया।
इस अवसर पर बोलते हुए आर.एल. कैथ ने भगवान बुद्ध के जीवन और शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बौद्ध परंपरा के अनुसार, उनका जन्म 624 ईसा पूर्व में वेसाक महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। कैथ ने कहा, उन्होंने 29 वर्ष की आयु में सांसारिक जीवन त्याग दिया, छह साल की तपस्या के बाद 35 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्त किया और 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में निधन से पहले 45 वर्ष तक धर्मोपदेश किया।
जम्मू और कश्मीर बटवाल वेलफेयर एसोसिएशन (जेकेबीडब्ल्यूए) के अध्यक्ष, पृथी सिंह चंजोत्रा ने आज की दुनिया में बुद्ध के संदेश की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा उन्होंने सिखाया कि सभी दुख आसक्ति और इच्छा से उत्पन्न होते हैं। इन पर काबू पाने के लिए, उन्होंने अष्टांगिक मार्ग दिखाया – जिसमें सही विश्वास, इरादा, शब्द, आचरण, जीवन, प्रयास, सोच और ध्यान शामिल हैं। एक अन्य वक्ता, अजायब सिंह मोटन ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाएँ न केवल आध्यात्मिक हैं बल्कि बेहद व्यावहारिक भी हैं। वे हमें आंतरिक शांति और मानसिक स्पष्टता विकसित करने में मदद करती हैं।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा
