अन्नकूट प्रसाद ग्रहण करके भक्त हो गए अभिभूत, लगे श्री श्याम बाबा के जयकारे : विनय शर्मा
हिसार, 2 नवंबर (Udaipur Kiran) । लोगों में अध्यात्म की अलख जगाने वाले प्रसिद्ध बीड़ बबरान धाम में अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस महोत्सव के लिए कई दिन पहले से ही तैयारियां चल रही थी। शनिवार प्रात:काल पूरे विधि-विधान से श्री श्याम बाबा व अन्य देवी-देवताओं की आराधना करने के उपरांत अन्नकूट प्रसाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई। देखते ही देखते बीड़ बबरान धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। भक्तों ने श्याम बाबा के दरबार में हाजिरी लगाकर मन्नतें मांगी। बीड़ बबरान धाम के महंत विनोद शर्मा ने आशीर्वाद देकर सभी की भलाई की कामना की। इस दौरान श्याम बाबा के सजे हुए भव्य दरबार की आभा देखकर श्रद्धालु अनायास ही नतमस्तक हो गए।
बीड़ बबरान धाम के निज पुजारी विनय शर्मा ने बताया कि धाम में पहुंचे समस्त श्रद्धालुओं में सात्विक अन्नकूट प्रसाद का वितरण किया गया। भक्तगण प्रसाद ग्रहण करके अभिभूत हो गए और पूरा धाम श्री श्याम बाबा के जयकारों से गूंज उठा। उन्होंने बताया कि धर्म ग्रंथों के अनुसार इंद्रदेव ने गोकुलवासियों से नाराज होकर मूसलाधार बारिश शुरू कर दी थी। बारिश इतनी अधिक थी कि गोकुलवासी संकट में फंस गए। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को छत्र के रूप में अपनी उंगली पर उठाकर गोकुलवासियों को बारिश से सुरक्षा प्रदान की। इस दौरान गोकुलवासियों के सहयोग से अन्नकूट का प्रसाद तैयार किया गया और श्रीकृष्ण को भोग लगाया गया। इसके उपरांत सभी गोकुलवासियों में इस प्रसाद को वितरित किया गया।
अन्नकूट महोत्सव में पधारने वाले भक्तों ने बीड़ बबरान धाम में स्थापित श्याम बाबा के दरबार, वीर हनुमान के मंदिर, शिव परिवार, अखंड जोत, धूणे, घोड़े के पांव के निशान वाली शिला व मढ़ी के भी दर्शन किए। विनय शर्मा ने बताया कि बीड़ बबरान धाम बर्बरीक के शौर्य व पराक्रम से जुड़ा है। भगवान श्रीकृष्ण ने वीर बर्बरीक की परीक्षा ली और बर्बरीक ने अपने एक ही तीर से पीपल के सभी पत्तों को भेद दिया। वह पीपल का पेड़ और छेद वाले पत्ते बीड़ बबरान धाम में देखे जा सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर