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स्विट्जरलैंड और रूस से आए भक्तों ने मां विंध्यवासिनी की चरणों में शीश नवाया

Faith of foreign devotees: Devotees from Switzerland and Russia paid obeisance in Vindhyachal

-आईजी व कमिश्नर से मांगा सहयोग, सुगम दर्शन कर की आध्यात्मिक अनुभूति सनातन

मीरजापुर, 05 फरवरी (Udaipur Kiran) । संस्कृति की दिव्य आभा से आलोकित विन्ध्यधाम में बुधवार को स्विट्जरलैंड और रूस से आए 80 विदेशी श्रद्धालुओं के दल ने मां विंध्यवासिनी के चरणों में मत्था टेकने पहुंचा। भक्तिरस में डूबी विदेशी श्रद्धालुओं की टोली से पवित्र स्थल पर नवीन आभा छा गई। काशी विश्वनाथ के दिव्य दर्शन और प्रयागराज के महाकुम्भ में पुण्यस्नान के उपरांत ये श्रद्धालु मां विन्ध्यवासिनी के चरणों में नतमस्तक हुए।

विदेशी भक्तों के समूह में 70 स्विट्जरलैंड और 10 रूस के श्रद्धालु सम्मिलित थे। बुधवार की सुबह ये श्रद्धालु विभिन्न खंडों में मंदिर प्रांगण पहुंचे और मां की आराधना में रम गए। इसी क्रम में जर्मनी से आए 10 श्रद्धालु मंदिर की ओर जाते समय संयोगवश निरीक्षण से लौट रहे पुलिस महानिरीक्षक आरपी सिंह एवं मंडलायुक्त बालकृष्ण त्रिपाठी से रास्ते में मिले और उनसे विनम्रतापूर्वक सुगम दर्शन कराने का अनुरोध किया।

पुलिस महानिरीक्षक ने तुरंत मंदिर सुरक्षा प्रभारी को बुलाकर निर्देश दिए कि इन विदेशी श्रद्धालुओं को बिना किसी असुविधा के दर्शन कराया जाए। प्रशासन की इस संवेदनशीलता से विदेशी श्रद्धालुओं ने गहरी संतुष्टि प्रकट की और विन्ध्यवासिनी मां की आराधना कर आध्यात्मिक अनुभूति की। विदेशी श्रद्धालुओं की आस्था और मंदिर प्रशासन की व्यवस्था को लेकर स्थानीय श्रद्धालुओं में भी चर्चा बनी रही। विन्ध्यधाम अब केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए नहीं, अपितु विश्व के आध्यात्मिक जिज्ञासुओं के लिए प्रमुख आस्था केंद्र बन चुका है। यहां आने वाले विदेशी श्रद्धालु सनातन धर्म की अद्भुत परंपराओं, भारतीय संस्कृति की गहनता और धार्मिक चेतना से अभिभूत हो जाते हैं। यह यात्रा भारतीय आध्यात्मिक पर्यटन की ख्याति को वैश्विक पटल पर और अधिक गौरवान्वित कर रही है।

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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