Uttar Pradesh

भक्त नरसी को भगवान शिव से कृष्ण कन्हैया के दर्शन का वरदान मिला – संत रमाकांत 

संत रमाकांत गोस्वामी जी महाराज

लखनऊ, 01 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर राधा स्नेह दरबार की ओर से आयोजित भक्तमाल कथा में संत रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने कहा कि भक्त नरसी मेहता को भगवान शिव जी से कृष्ण कन्हैया के दर्शन का वरदान मिला। भक्त नरसी ने कई भजन गाए, जिसमें कृष्ण कन्हैया के भजनों की संख्या ज्यादा है। ‘वैष्णव जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाने रे’ भजन का भक्तिरस भी उनका ही भजन है। नरसी मेहता ने वैष्णव धर्म के सार तत्वों का संकलन किया, उसे भजनों के रूप में प्रस्तुत किया।

मथुरा वृंदावन से भक्तमाल कथा में पधारे संत रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने चतुर्थ दिवस पर भक्त नरसी मेहता के बारे में कथा सुनायी। संत रमाकांत ने कहा कि दिल्ली में हुमायूं का राज था, भजन-कीर्तन की छूट नहीं थी। 1470 में कृष्ण दामोदर के दूसरे पुत्र के रूप में नरसी का जन्म हुआ था। जन्म के कुछ वर्षों के बाद ही माता-पिता की एक ही बीमारी से मृत्यु हो गई। नरसी जी की दादी उन्हें लेकर हार्डकेश्वर मंदिर गई। वहां संतों से कहा कि नरसी गूंगा है और बोलता नहीं है। मंदिर के बाहर वहां बैठे हुए एक संत के सामने भी दादी ने नरसी के बारे में बताया और उनकी गोद में नरसी को डाल दिया। संत ने नरसी के कान में कहा कि राधे कृष्णा, ये बोलते ही नरसी बोल पड़े। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, का जाप आप सभी भी किया करें।

संत रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने कहा कि माणिक गौरी से नरसी मेहता का विवाह हुआ था। विवाह के कुछ वर्ष के बाद नरसी से उनकी भाभी अच्छे से व्यवहार नहीं करती थी। इससे मन ठीक नहीं था, तो भगवान शिव का भजन करने लगे भक्त नरसी। भगवान शिव प्रसन्न हुए और उनसे कोई एक चीज मांगने काे कहा। इस पर नरसी ने भक्तिभाव से कहा कि भगवान शिव को जो सबसे अधिक प्रिय है, वही चाहिए। भगवान शिव ने उनसे कहा कि मुझे श्याम अतिप्रिय है। भक्त नरसी ने भगवान शिव से श्याम जी, कन्हैया जी को मांग लिया। अब नरसी जिद करने जगे कि उन्हें कन्हैया जी से भगवान शिव मिलवाएं। भगवान शिव ने कहा कि इसके लिए वैकुंठ चलना पड़ेगा। दोनों संग में वहां पहुंचे और कृष्ण कन्हैया के सीधे दर्शन भक्त नरसी को हुए।

संत रमाकांत गोस्वामी जी महाराज ने अहिल्याबाई होलकर की कहानी सुनाते हुए कहा कि पति की मृत्यु के बाद पत्नी से सारी संपत्ति ले ली जाती थी, उसे अहिल्याबाई होलकर लोकमाता ने समाप्त कराया। समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी लोकमाता ने कई निर्णय किए। महिलाओं को सशक्त करने के लिए तमाम महत्वपूर्ण निर्णय किया।

भक्तमाल कथा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल, प्रचारक राज किशोर, मंत्री नंद गोपाल ‘नंदी’, मंत्री दयाशंकर सिंह लखनऊ उत्तर के विधायक नीरज बोरा, लखनऊ पूर्वी के विधायक ओमप्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य विधान परिषद पवन सिंह चौहान, महंत देव्या गिरि, भाजपा नेता सुधीर हलवासिया, राधा स्नेह दरबार की अध्यक्ष बिंदू बोरा, राधा दरबार के पदाधिकारी, श्याम परिवार के पदाधिकारी सहित तमाम प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

(Udaipur Kiran) / श.चन्द्र

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