

बलरामपुर, 8 मार्च (Udaipur Kiran) । इक्यावन शक्तिपीठों में शामिल देवीपाटन शक्तिपीठ न केवल धर्म और आस्था का प्रमुख केंद्र है, बल्कि यह सामाजिक सरोकारों में भी अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। देवीपाटन शक्तिपीठ में मां सती का पट सहित वाम स्कंध गिरा था। यह स्थान शक्ति के आराधना का केंद्र तो है ही, यहां महायोगी गुरु गोरखनाथ जी भी काफी समय तक ध्यानरत रहे। जिसके कारण युगों-युगों से यह पीठ लोगों के आस्था का केंद्र है। देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पीठ से जुड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गोरक्ष पीठाधीश्वर होने के नाते, इस पीठ की व्यवस्थाओं की देखरेख भी स्वयं करते हैं। इस कारण राजनीतिक दृष्टिकोण से भी यह पीठ अत्यंत महत्वपूर्ण है।
30 मार्च से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो रही है। इस अवसर पर यहां एक माह तक विशाल मेला आयोजित किया जाता है। मंदिर की व्यवस्थाओं, धार्मिक महत्व और अन्य विषयों पर देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी महाराज से (Udaipur Kiran) के बलरामपुर प्रतिनिधि प्रभाकर कसौधन ने बातचीत की ।प्रस्तुत है उनसे बातचीत के संक्षिप्त अंश।
प्रश्न: देवीपाटन शक्तिपीठ में नवरात्रि को लेकर क्या तैयारियाँ चल रही हैं?
उत्तर: चैत्र नवरात्रि और एक माह तक चलने वाले मेले की तैयारियाँ हर वर्ष की तरह इस बार भी व्यापक स्तर पर की जा रही हैं। स्वच्छता, सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर जिलाधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों की बैठक पहले ही हो चुकी है। मेला शुरू होने से एक सप्ताह पूर्व पुनः समीक्षा बैठक की जाएगी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरे मंदिर परिसर में 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, वहीं मेला क्षेत्र में भी अतिरिक्त कैमरे लगाए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा मंदिर से जुड़े सभी सड़क मार्गों की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। कुल मिलाकर, सभी तैयारियाँ युद्ध स्तर पर जारी हैं। मंदिर परिसर में चैत्र वा शारदीय नवरात्रि में हर वर्ष सर्वे भवंतु सुखिन: की कामना से वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विशेष 9 दिन तक पूजन चलता है। उसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी शामिल होते हैं।
प्रश्न: महाराज जी, आपकी दिनचर्या कैसी रहती है? मंदिर की ओर से कौन-कौन से महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं?
उत्तर: मेरी दिनचर्या नियमित रूप से अनुशासित रहती है। मैं प्रातः 4:00 बजे उठकर नित्यकर्म और योग करता हूँ। सुबह 5:00 से 8:00 बजे तक दर्शन-पूजन, मंदिर भ्रमण और गौशाला में गौसेवा करता हूँ। इसके बाद 9बजे से दोपहर 1:00 बजे तक कार्यालय में रहता हूँ और यहाँ आने वाले लोगों से मुलाकात करता हूँ। शाम 5:30 बजे पुनः गौशाला जाता हूँ और फिर रात्रि 9:00 बजे तक कार्यालय में रहकर श्रद्धालुओं और आगंतुकों से मिलता हूँ।
प्रश्न: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार को 7 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। पर्यटन की दृष्टि से तुलसीपुर क्षेत्र का कितना विकास हुआ है?
उत्तर: देवीपाटन शक्तिपीठ को पर्यटन विकास के तहत कॉरिडोर परियोजना में शामिल किया गया है। प्रशासन द्वारा बताया गया है कि जल्द ही इस परियोजना का कार्य शुरू होगा। कॉरिडोर बनने से न केवल श्रद्धालुओं को सुविधाएँ मिलेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। इसके अलावा, माँ पाटेश्वरी के नाम पर जनपद मुख्यालय में माँ पाटेश्वरी विश्वविद्यालय की स्थापना हो चुकी है। चिकित्सा सुविधाओं के विकास के तहत जिले में मेडिकल कॉलेज और अन्य स्वास्थ्य सुविधाएँ भी बढ़ाई गई हैं। चैत्र नवरात्रि के दौरान आयोजित होने वाले इस मेले को उत्तर प्रदेश सरकार ने राजकीय मेला का दर्जा प्रदान किया है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं।
प्रश्न: इन वर्षों में देवीपाटन मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में क्या वृद्धि हुई है?
उत्तर: देवीपाटन शक्तिपीठ के प्रति केवल भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल और अन्य देशों के सनातनधर्मियों में भी गहरी आस्था है। यहाँ श्रद्धालुओं का आवागमन पूरे वर्ष बना रहता है। विशेष रूप से, चैत्र नवरात्रि में एक माह और शारदीय नवरात्रि में 15 दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है। हर वर्ष यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
प्रश्न: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बलरामपुर से गहरा नाता है। देवीपाटन पीठ के कारण बलरामपुर को उनका दूसरा गृह जनपद भी कहा जाता है। राजनीतिक दृष्टि से आप इस क्षेत्र को कैसे देखते हैं, और भविष्य में क्या बदलाव की उम्मीद है?
उत्तर: गोरक्ष पीठाधीश्वर के रूप में योगी आदित्यनाथ का इस जनपद से सदैव गहरा संबंध रहा है। जब वे सांसद थे, तब भी वे निरंतर यहाँ आते थे, और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वे समय-समय पर यहाँ पहुँचकर विकास कार्यों की समीक्षा करते हैं।
देवीपाटन पीठ धार्मिक कार्यों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी सदैव अग्रणी रहा है। यहाँ शैक्षिक दृष्टि से विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, विगत 34 वर्षों से थारू जनजाति के बच्चों के लिए निशुल्क छात्रावास का संचालन किया जा रहा है। साथ ही, अन्य सामाजिक कार्यों में भी देवीपाटन पीठ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याएँ लेकर कार्यालय में आते हैं, और शक्तिपीठ अपनी सामर्थ्यानुसार उनका निराकरण करने का प्रयास करता है।
(Udaipur Kiran) /प्रभाकर
(Udaipur Kiran) / प्रभाकर कसौधन
