Uttar Pradesh

31 वर्षों से देवीपाटन शक्तिपीठ सवांर रहा थारू जनजाति बच्चों का भविष्य

Padhai karte bachhe
Chatrawas

बलरामपुर, 31 जनवरी (Udaipur Kiran) । जिले के नेपाल सीमा क्षेत्र स्थित जंगलों में बसे थारू जनजाति के बच्चों के लिए देवीपाटन शक्तिपीठ 31 वर्षों से वरदान बना हुआ है। मंदिर के द्वारा इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा, भोजन और आवास की सुविधा प्रदान कर इन्हें शिक्षा के मुख्य धारा में जोड़ा जा रहा है। 20 हजार से अधिक बच्चों ने अब तक यहां रहकर निशुल्क उच्च शिक्षा प्राप्त की है। तकरीबन तीन सौ छात्र पढ़कर सरकारी सेवा दे रहे हैं। इसी जनवरी माह में दो छात्र यहां से तैयारी कर सेना में भर्ती हुए हैं।

जंगलों के बीच बसे करीब दो दर्जन से अधिक गांवों के थारू जनजाति के बच्चे गरीबी वा संसाधनों के कारण बेहतर पढ़ाई से वंचित रह जाते है। थारू जनजाति के बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने को लेकर देवीपाटन मंदिर के ब्रम्हलीन महंत महेंद्र नाथ योगी ने वर्ष 1994 को आदिशक्ति मां पाटेश्वरी थारू छात्रावास कि स्थापना की थी। यहां रहने वाले बच्चों को निशुल्क आवास, भोजन और कपड़े की सुविधा मंदिर के द्वारा मिलने लगी। मंदिर के द्वारा चल रहे इस कार्य को वर्तमान में महंत महराज मिथलेश नाथ योगी ने आगे बढ़ाते हुए छात्रावास भवन का स्वरूप और वृहद कर दिया है। बच्चों को अब मिलने वाली सुविधाएं आधुनिक कर दी गई है।

नेपाल सीमा और सोहेलवा जंगल के आसपास बसे गांवों जैसे नेवलगढ़, मुतेहरा, भगवानपुर, सोनपुर, फोंगही, कन्हईडीह, विशुनपुर विश्राम आदि के बच्चे यहां शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्हें अनुशासन और व्यवहारिक ज्ञान , खेलकूद भी सिखाया जा रहा है। यहां वर्तमान में 70 बच्चे रह रहे है।

रह रहे बच्चे को नर्सरी से लेकर स्नातक तक की शिक्षा मंदिर प्रशासन कराता है ,इसके अलावा यदि बच्चे आगे की शिक्षा का तैयारी करते हैं तो मंदिर प्रशासन उनका सहयोग करता है।अब तक यहां से तकरीबन बीस हजार बच्चे निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। छात्रावास से तीन सौ से अधिक बच्चे निकल सरकारी सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। इसी माह यहां रहकर सेना में जाने की तैयारी कर रहे मुतेहरा गांव के दो छात्र गंगाराम वा ध्रुव राज सीआईएसएफ में पहुंचे हैं।

देवीपाटन पीठाधीश्वर महाराज मिथलेश नाथ योगी ने बताया कि यहां रह रहे छात्रों की संख्या किसी वर्ष कम तो किसी वर्ष ज्यादा, घटती बढ़ती रहती है। वर्तमान में 70 बच्चे रह रहे हैं। बताया कि बच्चों के पठन-पाठन रहन-सहन के अलावा सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता है। सभी बच्चे सीसीटीवी के नजर में रहते हैं।

(Udaipur Kiran) /प्रभाकर कसौधन

(Udaipur Kiran) / प्रभाकर कसौधन

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