Uttar Pradesh

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बलुआघाट में धूमधाम से मनाई गई देव दीपावली

बलुआघाट बारादरी

–पूरे घाट को दीप मालिकाओं से सजाया, यमुना के पवित्र जल में नाव द्वारा 21000 दीपों का दान

प्रयागराज, 15 नवम्बर (Udaipur Kiran) । कार्तिक महोत्सव आयोजन समिति के तत्वावधान में बालुआघाट बारादरी पर आयोजित “कार्तिक महोत्सव 2024“ में 7 बटुकों ने माँ यमुना मैया की आरती उतारी। इस दौरान वेदपाठि ब्राह्मणों द्वारा लगातार मंत्र उच्चारण किया गया। बारादरी की सीढ़ियों को हजारों दीपों व रंगोली से सजाया गया। नाव से यमुना मैया की लहरों पर दीप प्रज्वलित कर छोड़ें गए तो लगा जैसे सितारे जमीं पर उतर आए हों।

समिति के अध्यक्ष महेन्द्र कुमार पांडेय एवं महामंत्री शशांक शेखर पांडेय के संयोजन में आयोजित समारोह में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र भारत सरकार की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। ढेरिया नृत्य एवं राजस्थान का प्रसिद्ध लोक नृत्य आकर्षण के केंद्र बिंदु रहे। मां शारदा संगीत विद्यालय के निर्देशक अभिषेक सिंह एवं प्रख्यात गायक आशीष शर्मा ने अनेक लोकगीतों एवं भजनों के साथ पौराणिक कथाओं पर आधारित नाट्य कला की प्रस्तुति दी।

उत्तर प्रदेश सरकार के अपर शासकीय अधिवक्ता शशांक शेखर पांडेय ने कहा कि आज के दिन देव दीपावली मनाने के पीछे जो पौराणिक कथा है उसके अनुसार भगवान शिव ने आज के ही दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। जिससे प्रसन्न होकर देवताओं ने देव दीपावली मनाई थी। उन्होंने बताया कि जितना महत्व कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाए जाने वाली दीपावली का है, उतना ही महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाए जाने वाली दीपावली का भी है।

उन्होंने बताया कि बलुआघाट बारादरी पर कई सौ वर्ष पूर्व से कार्तिक मास में पूरे एक महीने लाखों श्रद्धालु स्नान-ध्यान करके मां यमुना मैया को दीप अर्पित करते हैं। आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे एक मास का यह अनुष्ठान समाप्त हो रहा है। हम सब यमुना मैया से सभी के सुखी एवं समृद्धि जीवन की कामना करते हैं।

आरती में मुख्य रूप से पूर्व अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी, समिति के अध्यक्ष महेंद्र कुमार पांडेय, कृष्णा पांडेय, सुरेन्द्र सिंह, रवि केसरवानी, राज अग्रहरि, गोपाल पांडेय, कृष अग्रहरि, कृपा शंकर कुशवाहा, श्याम किशोर केसरवानी, मुन्नू लाल केसरवानी, दयाराम यादव, प्रवीण केसरवानी, सुरेंद्र कुमार मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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