रांची, 1 अगस्त (Udaipur Kiran) । झारखंड हाई कोर्ट में तीन सप्ताह में राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने के चार जनवरी 2024 के हाई कोर्ट के एकल पीठ के आदेश को रद्द करने को लेकर राज्य सरकार की अपील ( एलपीए) पर आज सुनवाई हुई।
गुरुवार काे मामले में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याचिका की त्रुटि दूर कर ली गई है। इससे पहले प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया गया कि इस केस की मेरिट पर सुनवाई की जाए, राज्य सरकार ट्रिपल टेस्ट के बहाने निकाय चुनाव टाल रही है, यह संवैधानिक मिशनरी की विफलता है। समय पर चुनाव नहीं कराना और रोकना लोकतांत्रिक व्यवस्था को दबाने जैसा है। एकल पीठ का आदेश सही है। कोर्ट ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए आठ अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है।
खंडपीठ ने पूर्व में एकल पीठ के द्वारा पारित आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार किया था। मामले में पूर्व पार्षद रोशनी खलखो सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में कैविएट दायर कर राज्य सरकार की अपील पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया गया था। सरकार की ओर से हस्तक्षेप याचिका (आईए) दायर कर एकल पीठ के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह किया गया था।
अपील (एलपीए) में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि पिछड़ा आयोग को ही डेडीकेटेड कमीशन के रूप में नियुक्त कर दिया गया है। यह राज्य के जिलों में ओबीसी की आबादी का आकलन करेगी और इस संबंध में डाटा राज्य सरकार को उपलब्ध कराएगी। इसके आधार पर निकाय चुनाव में वार्डों में ओबीसी के लिए आरक्षण दिया जायेगा। इसलिए निकाय चुनाव पूरा करने के लिए समय दिया जाए। राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश पर तत्काल रोक लगाने एवं एकल पीठ के आदेश को रद्द करने का आग्रह हाई कोर्ट से किया है। अपील में राज्य सरकार ने झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट के प्रोविजन का हवाला देते हुए नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति को सही ठहराया है।
राज्य में नगर निकायों का चुनाव जल्द कराने को लेकर पूर्व पार्षद रोशनी खलखो सहित अन्य की याचिका को हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति आनंद सेन की कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि तीन सप्ताह में झारखंड में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करें। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि निकाय चुनाव नहीं करना संवैधानिक तंत्र की विफलता है।
(Udaipur Kiran) / शारदा वन्दना / दधिबल यादव