कौशांबी, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । स्वास्थ्य दफ्तर में मनमानी का मामला सामने आया है। आशा चयन प्रक्रिया में जांच पूरी होने से पहले ही आशाओं के ट्रेनिंग का आदेश जारी कर दिया। आशा बहुओं के चयन में एक गांव के प्रधान की शिकायत पर डीएम ने सीडीओ को जांच सौंपी है। आरोप है कि एमओआईसी, बीपीएम, डीसीपीएम ने मानक को दरकिनार कर रुपये लेकर चयन किया गया। जांच प्रक्रिया पूरी होने से पहले सीएमओ ने तबादला गैर जनपद होने के बाद आशाओं के ट्रेनिंग का पत्र जारी कर दिया। डीएम ने प्रकरण का संज्ञान लेकर समबन्धित पत्रावली तलब की है।
चायल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र क्षेत्र मे आशा बहुओं का चयन शासनादेश मार्च 2014 के आधार पर किया गया। लंबित भर्ती प्रक्रिया में स्वास्थ्य महकमे के सीएचसी प्रभारी, ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर, डीसीपीएम ने मनमाने तरीके से चलौली गांव में आशा के चयन में मानक को दरकिनार कर अपने कंडीडेट को पद का लाभ दिया। जिसको लेकर गांव में प्रधान मैदान सिंह ने सवाल खड़े करते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी सुजीत कुमार को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की।
जनपद के ब्लाक स्तर पर हुई चयन प्रक्रिया को जांच के दायरे मे लेकर तत्कालीन डीएम सुजीत कुमार ने सीडीओ डॉ रवि किशोर त्रिवेदी को जांच करने का निर्देश जारी किया। जांच की कार्यवाही के दौरान तत्कालीन डीएम का तबादला हो गया। जिसके बाद जांच प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई। सीडीओ दफ्तर से सीएमओ को जारी हुए पत्र मे चयन प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज तलब किए गए। लेकिन पूर्व सीएमओ डॉ सुष्पेंद्र कुमार ने जांच प्रक्रिया के सहयोग में हीला हवाली कर जांच को लंबित बनाए रखा। इसी बीच शासन ने सीएमओ डॉ सुष्पेंद्र कुमार का तबादला गाजियाबाद जनपद में बतौर परामर्शदाता कर दिया। नए सीएमओ के तौर पर देवरिया के एडिशनल सीएमओ डॉ संजय कुमार को तैनात किया है।
आरोप है पूर्व सीएमओ ने चार्ज छोड़ने से पहले विवाद के घेरे में चल रही आशा चयन प्रक्रिया में जांच को दरकिनार कर चयनित आशाओं को आठ दिन का ट्रेनिंग कराये जाने का आदेश जारी कर दिया। सीएमओ के आदेश का पत्र सोशल मीडिया के जरिये वायरल हो गया है। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग में आशा चयन में क्या कुछ हुआ है, उन्हें इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं है। मामले से जुड़ी शिकायत कुछ लोगों के जरिये मिली है। इस संबंध में सम्पूर्ण पत्रावली तलब की गई है। अवलोकन के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकता है।
(Udaipur Kiran) / अजय कुमार / शरद चंद्र बाजपेयी / मोहित वर्मा