– उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक हुई
भोपाल, 3 सितंबर (Udaipur Kiran) । उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं के सुचारू प्रदाय में असुविधा नहीं होनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम की राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में बोर्ड द्वारा गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम 1994 के प्रावधानों के क्रियान्वयन की समीक्षा की और महत्वपूर्ण विषयों में विमर्श उपरांत निर्णय लिए गये।
राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड ने निर्णय लिया कि डिजिटल फॉर्म-एफ के अपलोड के लिये अधिकतम 5 दिवस का समय दिया जाए। पी.सी.पी.एन.डी.टी. अधिनियम की धारा 5 के अनुसार राज्य स्तर पर भौतिक सहमति पत्र (फिजिकल कंसेंट फॉर्म) का निर्धारण कर समस्त जिला सक्षम प्राधिकारियों को प्रसारित किया जाए जिससे समस्त पंजीकृत केन्द्रों में उचित संधारण किया जा सके।
बोर्ड ने निर्णय लिया कि डिजिटल फॉर्म-एफ के अपलोड के लिये तकनीकी प्रक्रियाओं के सरलीकरण का समुचित प्रयास किए जायें। प्रशिक्षु चिकित्सक (रेडियोलॉजी/स्त्री एवं प्रसूति रोग) द्वारा पंजीकृत सोनोग्राफी मशीन का उपयोग एवं रिपोर्टिंग तथा भ्रूण लिंग चयन संबंधी उपकरणों के तकनीशियन (एमआरआई टेक्निशियन/पीईटी स्कैन टेक्निशियन) की योग्यता का स्पष्ट मार्गदर्शन केंद्रीय बोर्ड से प्राप्त किया जाये। बैठक में सदस्य रीति पाठक, प्रियंका मीणा, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, मिशन संचालक, एन.एच.एम. प्रियंका दास, अतिरिक्त सचिव, विधि एवं विधाई कार्य विभाग भरत कुमार व्यास सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी तथा तकनीकी विशेषज्ञ शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) तोमर