जम्मू, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । आगामी विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सावधानीपूर्वक तैयारी सुनिश्चित करने के लिए जिला चुनाव अधिकारी पुंछ, विकास कुंडल ने पुंछ जिले भर के मतदान केंद्रों में सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं के संबंध में डीसी कार्यालय परिसर के सम्मेलन कक्ष में समीक्षा बैठक बुलाई। बैठक में पीडब्ल्यूडी सर्कल पुंछ के अधीक्षक अभियंता, निर्वाचन क्षेत्र 88-सूरनकोट, 89-हवेली और 90-मेंढर के रिटर्निंग अधिकारी, सहायक आयुक्त विकास पुंछ, मुख्य शिक्षा अधिकारी पुंछ, पुंछ, सुरनकोट और मेंढर के पीडब्ल्यूडी डिवीजनों के कार्यकारी अभियंताओं के साथ-साथ पुंछ जिले के सभी तहसीलदार और खंड विकास अधिकारी सहित वरिष्ठ जिला अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप जिले के सभी मतदान केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाने वाली सुनिश्चित न्यूनतम सुविधाओं की गहन समीक्षा की। चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में मतदाता अनुकूल पहुंच, दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप, पर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं, पेयजल की उपलब्धता, विश्वसनीय बिजली आपूर्ति और मतदान कर्मचारियों और मतदाताओं दोनों के लिए अन्य आवश्यक प्रावधान शामिल थे।
उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मतदान के दिन पर्याप्त क्षमता वाली सुरक्षित पेयजल सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएं साथ ही प्रत्येक मतदान केंद्र पर प्रतीक्षा क्षेत्रों में पर्याप्त छाया व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया जिसमें महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, स्तनपान कराने वाली माताओं, दिव्यांग मतदाताओं और उनके साथ आने वाले बच्चों के लिए पर्याप्त कुर्सियां/बेंच हों।
मतदान केंद्रों पर साइनेज भी लगाए जाएंगे जिससे मतदाता और पैदल यात्री उस क्षेत्र की पहचान कर सकेंगे जहां वे अपना वोट डालेंगे। खास बात यह है कि मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर की आवाजाही के दौरान किसी भी तरह की बाधा से बचने के लिए रैंप भी होंगे ताकि 85 वर्ष से अधिक आयु के या किसी भी तरह की विकलांगता वाले लोग बिना किसी बाधा के मतदान कर सकें।
“कोई भी मतदाता पीछे न छूटे“ के आदर्श वाक्य के साथ डीईओ ने एक न्यायसंगत और कुशल चुनावी प्रक्रिया को बढ़ावा देने में अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी मतदान केंद्रों में अपेक्षित सुविधाओं की पुष्टि करने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण दौरे किए जाएं जिससे प्रशासन की लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता बनी रहे और स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित हो सके।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा