शिमला, 06 मार्च (Udaipur Kiran) । प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2023 के खिलाफ हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने गुरुवार को शिमला में जोरदार प्रदर्शन किया। वकीलों ने राजभवन तक मार्च निकाला और वहां पहुंचकर विधेयक के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया। इसके साथ ही बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर विधेयक को खारिज करने की मांग की।
बार एसोसिएशन का कहना है कि यह विधेयक अधिवक्ताओं की स्वायत्तता को प्रभावित करने वाला और पूरी तरह से गैर-जरूरी है। वकीलों ने केंद्र सरकार से इस विधेयक को संसद में पेश न करने की अपील की है।
विधेयक से अधिवक्ताओं की स्वायत्तता पर खतरा
पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा ने इस प्रस्तावित विधेयक को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन इस विधेयक को पेश किए जाने के ही विरोध में है। डोगरा ने इस विधेयक को गैर-जरूरी बताते हुए केंद्र सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन विधेयक लाने की कोई आवश्यकता नहीं है और इससे वकीलों की स्वायत्तता खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस विधेयक को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता और न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे।
पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा ने देशभर की अन्य बार एसोसिएशनों से भी इस विधेयक का विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश से इस आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है और अब अन्य राज्यों की बार एसोसिएशनों को भी आगे आकर इस विधेयक के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी होगी।
डोगरा ने कहा कि अगर यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है तो इससे अधिवक्ताओं के अधिकार सीमित हो जाएंगे और उनकी स्वायत्तता प्रभावित होगी। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि वह इस विधेयक को वापस ले और वकीलों के हितों को सुरक्षित रखे।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
