गुवाहाटी, 28 अगस्त (Udaipur Kiran) । असम के विपक्षी दलों के गठबंधन विपक्षी ऐक्य मंच ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के विरुद्ध दिसपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा तथा महासचिव लुरिन ज्योति गोगोई की ओर से दी गई लिखित शिकायतमें मुख्यमंत्री पर धर्म और जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।
लिखित शिकायत में कहा गया है कि धिंग की एक छात्रा के साथ बलात्कार की घटना के खिलाफ़ पूरे असम में गुस्सा फूट रहा है। मुख्यमंत्री इस घटना के आरोपित व्यक्ति के विशेष समुदाय को निशाना बनाकर सांप्रदायिक उन्माद भड़काने की कोशिशें कर रहे हैं, जिसके कारण शिवसागर में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने धार्मिक अल्पसंख्यकों से जुड़े कुछ लोगों पर हमला किया है। ऐसी ही एक घटना में 2021 के विधानसभा चुनाव में नाज़िरा क्षेत्र से पराजित उम्मीदवार मयूर बरगोहाईं ने अपने अधीन काम करने वाले कुछ मजदूरों के साथ मारपीट की। यह राज्य में दंगे जैसी स्थिति पैदा करने की साजिश के तहत किया गया है। हिमंत बिस्वा सरमा और अन्य भाजपा नेता ऐसी अशांति पैदा करने की आपराधिक साजिश का हिस्सा हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा का कहना है कि सरमा का एक विशेष समुदाय को निशाना बनाकर भड़काऊ बयान देने का इतिहास रहा है। एक साल पहले उन्होंने एक धार्मिक समुदाय (जिसे उन्होंने मियां कहा था) से जुड़े लोगों को गुवाहाटी से बाहर निकालने की लोगों से अपील की थी। धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपने हमले को जारी रखते हुए उन्होंने बीते 4 अगस्त को स्पष्ट सांप्रदायिक आक्षेप के साथ शाह आलम नामक एक पत्रकार को निशाना बनाया। उन्होंने 23 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फिर से एक धार्मिक समुदाय का हवाला देते हुए निराधार दावा किया कि एक खास क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद एक खास समुदाय से संबंधित व्यक्ति जानबूझकर गोमांस खाना शुरू कर देता है, जिससे दूसरे समुदाय के लोग उस जगह से चले जाते हैं और इस तरह वे इन क्षेत्रों पर कब्जा कर लेते हैं। सार्वजनिक रूप से इस तरह के लगातार बयानबाजी से विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा होने की संभावना है।
कांग्रेस नेताओं ने राज्य में दंगा जैसी स्थिति पैदा होने की आशंका जताते हुए मुख्यमंत्री और सह-षड्यंत्रकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61, 196 और 35(2) के तहत मामला दर्ज करके जांच करने की मांग की है।
पुलिस ने लिखित शिकायत को लेकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं को आगे की कार्रवाई का भरोसा दिया है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस मामले में क्या कार्रवाई की है, इसका खुलासा नहीं किया है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश