भागलपुर, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । समय पर बारिश न होने के कारण जिले के कहलगांव अनुमंडल क्षेत्र के सन्हौला प्रखंड के किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। जून-जुलाई के महीने में धान की रोपनी हो जानी चाहिए थी, लेकिन इस बार बारिश की कमी से धान की रोपनी पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत पाठक ने बताया कि सन्हौला प्रखंड में कुल कृषि योग्य भूमि 9800 सौ हैक्टेयर है। जिसमें से अब तक प्रखंड में 22 से 25 प्रतिशत तक ही धान की रोपनी हो पाई है। स्थानीय किसान नरेंद्र यादव, कैलाश पासवान, जब्बार हाजी और मोहम्मद जमाल उद्दीन गोवर्धन शर्मा ने बताया कि बारिश के अभाव में धान का बिचड़ा धूप में पीला पड़ गया है और अब बिचड़ा मरने लगा है। अगर अगले दस दिनों के भीतर बारिश नहीं हुई, तो धान की रोपनी संभव नहीं हो पाएगी। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।
सन्हौला प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र बेलडीहा, साहुपाड़ा, धुआवै, अरार, सनोखर और तैलोधा आदि में सरकार की ओर से सिंचाई की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जो भी धान की रोपनी हुई है, वह किसानों ने अपने संसाधनों से, जैसे बांध पोखर में पंपिंग सेट लगाकर, किसी तरह से की है। किसानों की चिंता को देखते हुए सरकार और प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस क्षेत्र को सुखाड़ घोषित किया जाए और किसानों को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। ताकि फसल उत्पादन सामान्य हो सके और किसान भुखमरी से बच सकें।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर / चंदा कुमारी