Haryana

सरकार से तुलसी दिवस पर भारतीय नव वर्ष को प्रोत्साहन देने की मांग

बैठक में चर्चा करते आर्य समाज संस्थाओं के प्रतिनिधि

झज्जर, 19 दिसंबर (Udaipur Kiran) । आर्य प्रतिनिधि सभा जिला झज्जर ने सरकार से तुलसी दिवस व भारतीय नववर्ष को प्रोत्साहन देने और शिक्षा संस्थानों में सनातन संस्कृति विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है। आर्य प्रतिनिधि सभा जिला झज्जर के वेद प्रचार मंडल और बहादुरगढ़ आर्य केंद्रीय सभा की बैठक गुरुवार को आत्मशुद्धि आश्रम बहादुरगढ़ में हुई। बैठक की अध्यक्षता आत्मशुद्धि आश्रम के मुख्य अधिष्ठाता आचार्य विक्रम देव ने की। मीटिंग में दो प्रस्ताव पास किये गए। बैठक में आर्य समाज की ओर से प्रस्ताव पास करके राज्य के मुख्यमंत्री से प्रदेश में भारतीय सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की मांग की गई।

आगामी 25 दिसंबर को तुलसी दिवस एक जनवरी को पारसी नववर्ष के भारतीय नववर्ष चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को अर्थात विक्रम संवत 2082 के रूप में मनाया जाए। वेद प्रकाश मंडल जिला झज्जर के अध्यक्ष आर्य हरिओम ने बताया कि आर्य समाजियों की ओर जिला उपायुक्त झज्जर को भी एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। ज्ञापन के जरिए यह मांग रखी जाएगी कि जिले के किसी भी सरकारी या निजी विद्यालय में विद्यार्थियों को भारतीय सनातन संस्कृति के विरुद्ध किसी प्रकार की गतिविधि करने को बाध्य न किया जाए। बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने के जिलाभर में 25 दिसंबर को तुलसी दिवस के रूप में मनाया जाए।

बैठक में आर्य हरिओउ्म दलाल ने अन्य सामाजिक संस्थाओं को भी एकजुट होकर भारतीय सनातन संस्कृति को बचाने के लिए काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश में विदेशी संस्कृति को बढ़ावा न देकर भारतीय सनातन संस्कृति को बढावा दिया जाना चाहिए। बैठक में मुख्य रूप से स्वामी रामानन्द, आर्य समाज सेक्टर 6 से आर्य संतलाल मलिक, रविंद्र आर्य, ईश्वर आर्य व आर्य समाज झज्जर रोड से व्रतपाल आर्य, अतरसिंह आर्य आदि ने भाग लिया।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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