गोपेश्वर, 23 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सैजी लगा मैकोट-डुमक-कलगोठ मोटर मार्ग संघर्ष समिति के संरक्षक प्रेम सिंह सनवाल ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा डुमक गांव को सड़क से जोड़ने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे रहा है क्योंकि हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर सड़क निर्माण को उलझा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि सड़क निर्माण में सरकार, प्रशासन और विभाग को इतनी परेशानी हो रही है, तो डुमक गांव को विस्थापित कर दिया जाए ताकि वहां के लोग भी बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
सोमवार को गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रेम सिंह सनवाल, संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी और लक्ष्मण सनवाल ने बताया कि 2007 में स्वीकृत सैजी लगा मैकोट-डुमक-कलगोठ मोटर मार्ग का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। 2010 में पीएमजीएसवाई द्वारा सड़क का आधा-अधूरा निर्माण कार्य किया गया, जिसके बाद से यह कार्य बंद पड़ा है। विभाग द्वारा कई बार सड़क का समरेखण बदला गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि पहले के समरेखण में डुमक गांव को सीधे सड़क से जोड़ा जा सकता था, लेकिन अब जो लिंक मोटर मार्ग दिया गया है, वह सात किलोमीटर दूर है और इससे गांव के लोगों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है। ग्रामीणों ने कई बार इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया है और अब भी वे धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।
समिति ने सीएम से भी मुलाकात की है, लेकिन भूगर्भीय सर्वेक्षण की बात सामने आने के बावजूद अभी तक डुमक गांव के लिए सड़क निर्माण का ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो गांव को विस्थापित करने की दिशा में कदम उठाया जाए।
(Udaipur Kiran) / जगदीश पोखरियाल