हरिद्वार, 16 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । उदय भारत सिविल सोसाइटी के पदाधिकारियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन देकर जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग की।
फाउंडर सदस्य हेमा भंडारी ने कहा कि भारत आबादी विश्व की कुल आबादी का 17.78 प्रतिशत है। भारत दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया है, जिसके कारण जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की जरूरत महसूस होने लगी है। सबसे ज्यादा आबादी होने के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूल सुविधाओं पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। जनसंख्या वृद्धि के कारण भूमि एवं अन्य संसाधनों पर काफी दबाव पड़ रहा है।
फाउंडर सदस्य अनिल सती ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या एक अभिशाप है, जिसके कारण गरीबी, चोरी, बेरोजगारी भ्रष्टाचार, कालाबाजारी के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित कर रही है। बढ़ती जनसंख्या के कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध धोहन किया जा रहा है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
धीरज पीटर, आशीष गॉड, यशपाल सिंह चौहान ने कहा कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण से जुड़ा कोई कानून अभी तक नहीं बना है। जुलाई 2019 में राकेश सिन्हा द्वारा राज्यसभा में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक 2019 पेश किया था। इसका मकसद जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना था, परंतु कोई सकारात्मक पहल इस गंभीर विधेयक को लेकर अभी तक नहीं हुई है।
वर्तमान परिस्थितियों की गंभीरता को देखते हुए उदय भारत सिविल सोसाइटी केंद्र सरकार से मांग करती है कि अगले लोकसभा सत्र में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाया जाए।
ज्ञापन देने वालों में अनिल सती, धीरज पीटर, आशीष गॉड, यशपाल सिंह चौहान, मयंक गुप्ता, पवन कुमार धीमान मौजूद रहे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला