Jammu & Kashmir

कश्मीर घाटी में बढ़ने लगी होख स्यून की मांग

कश्मीर घाटी में बढ़ने लगी होख स्यून की मांग

श्रीनगर, 14 दिसंबर (Udaipur Kiran) । सर्दियों की ठंड के बीच पारंपरिक धूप में सुखाई गई सब्जियों की मांग जिन्हें स्थानीय रूप से होख स्यून के रूप में जाना जाता है,कश्मीर घाटी में बढ़ने लगी है।

यह परंपरा सदियों से चली आ रही है जिससे कश्मीर उन कुछ जगहों में से एक बन गया है जहाँ आधुनिक समय में भी सूखी सब्जियाँ मुख्य भोजन बनी हुई हैं।

होख स्यून में धूप में सुखाए गए बैंगन, लौकी, शलजम, पालक, टमाटर और मेथी शामिल हैं। ये सभी स्थानीय रूप से गर्मियों के महीनों में उगाए जाते हैं। इन सब्जियों को कठोर सर्दियों के लिए संरक्षित करने के लिए सुखाया जाता है ताकि ताजा उपज कम होने पर भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

सुखाने की प्रक्रिया, गर्मियों की एक आम गतिविधि है जिसमें महिलाएँ सब्जियों को सावधानीपूर्वक तैयार करती हैं और उन्हें धूप में सूखने के लिए घर की दीवारों पर लटका देती हैं।

सर्दियों के मौसम में श्रीनगर के पुराने शहर और अन्य इलाकों के बाज़ार धूप में सुखाई गई सर्दियों की खास सब्जियाँ बेचने वाले विक्रेताओं से भरे होते हैं। इस परंपरा को कायम रखने वाले कई लोगों में से एक 19 वर्षीय आमिर राथर भी हैं, जो दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के दमहाल हंजीपोरा के निवासी हैं। आमिर आठ साल से श्रीनगर के डलगेट इलाके में सूखी सब्जियाँ बेच रहे हैं, 15 साल पहले अपने पिता को खोने के बाद वह अपने परिवार के लिए एकमात्र कमाने वाले बन गए हैं।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

Most Popular

To Top