HEADLINES

गड्ढे में गिरने से मृत बच्चे के परिजनों को 22 लाख का मुआवजा दे दिल्ली जल बोर्ड ः हाई कोर्ट

Delhi High Court File Photo

नई दिल्ली, 25 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया है कि वो 2016 में एक में गिरने से मृत नौ वर्षीय बच्चे के परिजनों को 22 लाख रुपये का मुआवजा दे। जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही की वजह से बच्चे की जान गई।

हाई कोर्ट ने कहा कि जहां गड्डा था उस भूमि के सुरक्षित रखरखाव की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की थी लेकिन वो ऐसा करने में नाकाम रही। याचिका मृत बच्चे के माता-पिता ने दायर की थी। याचिक में कहा गया था कि जुलाई 2016 में उनका बच्चा दूसरे बच्चों के साथ पतंग उड़ा रहा था। बच्चा पतंग के पीछे दौड़ते-दौड़ते गया और बरसात के पानी से भर चुके गड्डे में गिर गया। जब बच्चा देर तक घर नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने उसके बारे में दूसरे बच्चों से पूछा और उस खाली जमीन में पहुंचे जहां गड्डा था। बच्चे का शव गड्डे में मिला। गड्डा जिस जगह था वो भूमि दिल्ली जल बोर्ड की थी। इस भूमि के रखरखाव की प्राथमिक जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि घटना के समय उस भूमि के रखरखाव की जिम्मेदारी टाटा पावर की थी। कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक उसने ये भूमि टाटा पावर को दी थी और उस भूमि के रखरखाव के लिए टाटा पावर जिम्मेदार थी तो वे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जुर्माने की रकम वसूलें। सुनवाई के दौरान टाटा पावर ने कहा कि ये याचिका उसके खिलाफ सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने उसके खिलाफ न कोई आरोप नहीं लगाया है। कोर्ट ने पाया कि मैप और दस्तावेजों के मुताबिक संबंधित भूमि टाटा पावर को आवंटित नहीं की गई थी और वो दिल्ली जल बोर्ड के पास ही थी। ऐसें उस भूमि के रखरखाव में दिल्ली जल बोर्ड की लापरवाही साफ दिख रही है।

—————

(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

Most Popular

To Top