नई दिल्ली, 9 दिसंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के लीगल सेल से जुड़े वकील संजीव नसियार की एलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री की गड़बड़ियों की सीबीआई जांच की अनुशंसा करने और उन्हें दिल्ली बार काउंसिल (बीसीडी) के वाईस चेयरमैन के पद से हटाने के बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस संजीव नरुला की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को करने का आदेश दिया।
संजीव नसियार ने बीसीआई के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। आज सुनवाई के दौरान संजीव नसियार की ओर से पेश वकील विकास पाहवा ने कहा कि बीसीआई ने ये आदेश जारी करते वक्त संजीव नसियार को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया और इस आदेश को सीधे प्रकाशित कर दिया। उन्होंने कहा कि बीसीआई के आदेश में संजीव नसियार की डिग्री को फर्जी नहीं बताया है बल्कि सवालों के घेरे में बताया है।
सुनवाई के दौरान बीसीआई की ओर से पेश वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि यूनिर्सिटी ने इस डिग्री को सही बताया है लेकिन इसे सही बताने के लिए कोई प्रमाण नहीं दिया। उन्होंने कहा कि फर्जी डिग्री देने में यूनिवर्सिटी की मिलीभगत हो सकती है। बीसीआई को जांच करने से बीसीडी नहीं रोक सकती है। बीसीआई खुद कार्रवाई कर सकती है। संजीव नसियार को जो डिग्री 1988 में दी गई वो बीसीआई ने शुरू ही 2008 में की। तब विकास पाहवा ने कहा कि जिस साल संजीव नसियार को यूनिवर्सिटी ने डिग्री दी थी उसी साल उस यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट के जजों को भी डिग्री दी थी। पूर्व स्पीकर को भी उसी साल डिग्री दी गई थी लेकिन ये आदेश केवल संजीव नसियार के लिए किया गया। संजीव नसियार को टारगेट करने के लिए ये आदेश दिया गया है। उन्होंने अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें आज एक कार्यक्रम में जाना है और उनकी छवि खराब की जा रही है।
बीसीआई ने 7 दिसंबर को अपनी बैठक कर संजीव नसियार की डिग्री की गड़बड़ियों की सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी। बीसीआई ने जांच होने तक संजीव नसियार को बीसीडी के वाईस चेयरमैन के पद से निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया था। संजीव नसियार ने बीसीआई के इसी आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद बीसीआई ने संजीव नसियार की डिग्री की जांच के लिए 03 सितंबर को एक सब-कमेटी का गठन किया था। सब कमेटी ने संजीव नसियार की अकादमिक डिग्रियों में गड़बड़ियां पाई थीं। कमेटी ने इंदौर के पीएमबी गुजराता आर्ट्स एंड लॉ कॉलेज से एलएलबी (ऑनर्स) को अनधिकृत पाया था।
कमेटी ने इंदौर के देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय में की गई कई एंट्रियों में एक समान हैंडराइटिंग और स्याही पाई थी। कमेटी ने कहा कि संजीव नसियार की एलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री 1998 की है जबकि बीसीआई ने ये एलएलबी (ऑनर्स) की डिग्री 2008 में शुरू की थी। कमेटी ने कहा कि देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने उन्हें जांच में सहयोग नहीं किया और यहां तक कि जांच में बाधा डालने की भी कोशिश की। इससे संजीव नसियार की डिग्री को लेकर संदेह और गहरा गया।
दिल्ली हाई कोर्ट में नरेश चंद गुप्ता नामक वकील ने याचिका दायर कर आरोप लगाया कि संजीव नसियार की डिग्री फर्जी है। याचिका में कहा गया था कि जिस यूनिवर्सिटी से संजीव नसियार ने डिग्री ली है उस यूनिवर्सिटी से जुड़े पहले भी मामले आ चुके हैं। हाई कोर्ट ने शुरू में ये जरूर कहा कि नसियार की डिग्री सही है लेकिन बीसीआई के कई बार के आग्रह के बावजूद बीसीडी ने संजीव नसियार से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। इसके बाद बीसीआई ने इस मामले की जांच शुरू की थी।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / वीरेन्द्र सिंह