
नई दिल्ली, 28 मई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश के एक पत्रकार को भिंड के एसपी दफ्तर में नंगा कर पीटने के मामले में सुरक्षा दी है। जस्टिस रविंद्र डूडेजा की बेंच ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि पत्रकार को कम से कम दो महीने सुरक्षा प्रदान करें। याचिका में कहा गया है कि चंबल नदी में अवैध बालू खनन की रिपोर्टिंग काे लेकर पत्रकार से भिंड के एसपी नाखुश थे। इस कारण एसपी की ओर से उन्हें और उनके परिवार काे लगातार धमकियां दी जा रही थीं।
भिंड में एक न्यूज चैनल के ब्यूरो चीफ अमरकांत सिंह चौहान ने याचिका दायर कर भिंड के एसपी असित यादव से अपने और परिवार के सदस्यों काे बचाने की मांग की है। सुनवाई के दौरान अमरकांत सिंह चौहान ने कहा कि चंबल नदी में अवैध रुप से बालू खनन की रिपोर्टिंग से भिंड के एसपी नाखुश थे। अवैध बालू खनन स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से चलाया जा रहा था। एसपी के डर से अमरकांत सिंह चौहान भिंड से भागकर दिल्ली आ गये थे। दिल्ली आने के बावजूद एसपी की ओर उन्हें धमकियां दी जा रही थीं।
सुनवाई के दौरान अमरकांत सिंह चौहान की ओर से पेश वकील वरीसा फरासत ने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में मध्यप्रदेश पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगे। तब कोर्ट ने कहा कि इसके लिए दिल्ली हाई कोर्ट की बजाय मध्यप्रदेश हाई कोर्ट उचित फोरम है। तब फरासत ने कहा कि वे स्टेटस रिपोर्ट की मांग पर जोर नहीं दे रहे हैं लेकिन याचिकाकर्ता को दिल्ली में सुरक्षा दी जाए क्योंकि उनके और उनके परिवार के सदस्यों काे जान का खतरा है।
याचिका में कहा गया है कि अमरकांत सिंह चौहान और दूसरे पत्रकार शशिकांत जाटव को 1 मई को भिंड एसपी ने चाय पीने के लिए अपने चैंबर में बुलाया। वहां एसपी असित यादव और उनके अधीनस्थों ने उनकी जमकर पिटाई की। इस दौरान करीब आधे दर्जन पत्रकार एसपी दफ्तर में मौजूद थे। उन पत्रकारों को भी नंगा कर पिटाई की गई थी। 4 मई को चौहान और जाटव जब सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलकर अपना दुखड़ा बताने ग्वालियर से दिल्ली आ रहे थे तो उन्हें एक दूसरे पत्रकार सौरभ शर्मा ने दिल्ली सड़क मार्ग से चलने के लिए कहा। लेकिन उन्हें नजदीक एक ढाबा में ले जाया गया जहां कुछ पुलिस अधिकारी पहले से इंतजार कर रहे थे। वे पुलिस अधिकारी उन्हें भिंड के एसपी के आवास पर समझौते के लिए ले गए।
दोनों पत्रकारों को दोबारा 5 मई को एसपी दफ्तर बुलाया गया जहां उन्हें पुलिस अधिकारियों के समक्ष एक वीडियो बयान जारी करने के लिए मजबूर किया गया कि उन्होंने एसपी से समझौता कर लिया है। इस वीडियो बयान को भिंड पुलिस ने व्हाट्सऐप के जरिये सर्कुलेट कर दिया ताकि उनकी विश्वसनीयता खत्म हो जाए। उसके बाद 19 मई को दोनों पत्रकार भागकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत दर्ज कराने दिल्ली आए।
(Udaipur Kiran) /संजय
—————
(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
