
नई दिल्ली, 23 मई (Udaipur Kiran) । दिल्ली हाई कोर्ट ने सेना की गोपनीय जानकारी पाकिस्तान भेजने में मदद करने के आरोपित स्क्रैप डीलर मोहसिन खान की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने कहा कि यह अपराध भारत की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ हैं।
कोर्ट ने कहा कि कोई देश शांतिपूर्वक तभी रह सकता है, जब उसके सैनिक सतर्क होते हैं। सैनिकों का कर्तव्य है कि वो नागरिकों के प्रति दिए गए अपने संवैधानिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। अगर कोई व्यक्ति धन या किसी दूसरी चीज के लालच में विदेशी एजेंसियों का मददगार बनता है, तो ये न केवल गंभीर अपराध है, बल्कि ये देश के साथ धोखा है।
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसे अपराधों के काफी दूरगामी असर होते हैं। इन अपराधों से असंख्य लोगों की जान खतरे में पड़ती है और वे सेना की तैयारियों पर असर डालते हैं। इससे देश की संप्रभुता पर भी खतरा होता है। ऐसे में आरोपित को जमानत नहीं दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने आरोपित के वकील की ओर से पेश इस दलील को खारिज कर दिया कि ये हत्या या डकैती जैसे गंभीर आरोप नहीं हैं।
एक गोपनीय सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। दिल्ली पुलिस को सूचना मिली थी कि दिल्ली, राजस्थान और उत्तरप्रदेश के कुछ लोग राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी दे रहे हैं। ये लोग दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित पाकिस्तानी दूतावास भी गए थे।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / अमरेश द्विवेदी
