नई दिल्ली, 6 सितंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार अपने सभी स्कूलों में छात्रों की मेंटल हेल्थ काउंसलिंग करवायेगी। इस बाबत शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को इसका ब्लू-प्रिंट तैयार करने के निर्देश दिए है। केजरीवाल सरकार के 20 स्कूलों में पायलट फेज में पिछले मात्र 1 साल में 20,000 से अधिक बच्चों को काउन्सलिंग मिली है। जहां ईवीजीसी काउन्सलर्स और स्कूल साइकोलॉजिस्ट बच्चों को उनकी मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए काउन्सलिंग देते है। साथ ही ग्रुप सेशन और सोशल-इमोशनल लर्निंग के ज़रिए स्टूडेंट्स बताया गया कि कैसे तनाव मुक्त रहा जा सकता है और कैसे ख़ुद को भावनात्मक रूप से स्वस्थ रख सकते है।
पायलट फेज अनुभवों को जानने के लिए व इस परियोजना के ज़रिए दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले हर बच्चे के मेंटल-इमोशनल वेल-बीइंग को बेहतर बनने को लेकर शिक्षा मंत्री आतिशी ने इन क्लीनिकों में तैनात स्कूल साइकोलॉजिस्ट व ईवीजीसी काउन्सलर्स से चर्चा की और उनके फीडबैक लिए।
चर्चा के दौरान स्कूल साइकोलॉजिस्टो ने शिक्षा मंत्री के साथ साझा किया कि कैसे समय से काउन्सलिंग देने से छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करते हुए, उन्हें वापिस उनकी पढ़ाई से जोड़ा जा सकता है।
उन्होंने बताया कि, कम उम्र से ही विभिन्न कारणों से बच्चों में तनाव देखने को मिलता है जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन मानसिक स्वास्थ्य की लेकर बहुत ज़्यादा जागरूकता नहीं है। यही कारण है कि, सही समय से ट्रीटमेंट न मिलने के कारण ये समस्या बढ़ जाती है। लेकिन स्कूलों में हम शिक्षकों के ज़रिए और काउन्सलिंग के ज़रिए बच्चों में इस समस्या को पहचान रहे है और उन्हें दूर कर रहे है।
आतिशी ने भी कहा कि, तन के साथ-साथ मन का स्वस्थ होना बेहद ज़रूरी है। बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी हो सकता है जब वो मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हो। मेंटल हेल्थ इनिशिएटिव ने इस दिशा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि, इस योजना के तहत हमारा उद्देश्य स्कूली छात्रों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। जिसकी मदद से एक स्वस्थ मन, समाज और स्वस्थ राष्ट्र बनाने में योगदान मिलेगा।
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी