नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शनिवार को बताया कि एंटी डस्ट अभियान से सम्बंधित टीमों ने अभी तक 2764 निर्माण स्थलों का निरीक्षण किया और निर्माण स्थलों पर जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर 76 स्थलों को नोटिस और चालान जारी किया है। साथ ही 17 लाख 40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट कैम्पेन चलाया जा रहा है, जो 7 नवम्बर तक चलेगा। इस अभियान के लिए 523 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें 13 संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हैं। ये दिल्ली के अंदर अलग-अलग स्थानों पर चल रहे निर्माण स्थलों का निरीक्षण कर रहे हैं और मानदंडों के उल्लंघन पर कार्रवाई कर रहे हैं। सभी टीमों को लगातार निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सर्दी के मौसम में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने 25 सितम्बर को विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी। जिसके आधार पर संबंधित विभागों ने इसे जमीन पर लागू करने के लिए गंभीरता पूर्वक कार्य शुरू कर दिया है। हमने ग्रीन वॉर रूम लॉन्च किया है, जहां से इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने लोगों के सहयोग से प्रदूषण को कम करने में सफलता पाई है। सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कई अभियान चला रही है, जिसमे एंटी डस्ट अभियान, बायो डीकम्पोज़र का छिड़काव, वृक्षारोपण अभियान, जागरूकता अभियान , मोबाइल एंटी स्मोग गन से पानी के छिड़काव का अभियान आदि प्रमुख है।
मंत्री गोपाल राय ने बताया कि टीम लगातार निर्माण साइट्स का दौरा कर रही है। यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि वहां निर्माण संबंधी दिशा निर्देशों का पालन हो। निर्माण साइट्स पर 14 सूत्रीय नियमों को लागू करना जरूरी है। यह अभियान 7 नवंबर तक चलेगा। पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जो भी साइट्स डस्ट कंट्रोल के नियम का पालन नहीं करेगा, उस पर कानून के अनुसार कार्रवाई की जायेगी। कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम के उल्लंघन होने नियम के तहत जुर्माना लगाया जाएगा। अगर ज्यादा उलंघन होगा तो कंस्ट्रक्शन साइट को बंद कर दिया जाएगा। गोपाल राय ने कहा कि डस्ट प्रदूषण को रोकने के लिए 85 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों, 500 वॉटर स्प्रिंकलर की पूरी दिल्ली में तैनाती की गयी है। नवम्बर महीने में एक शिफ्ट से बढ़ाकर तीन शिफ्टों में मोबाईल एंटी स्मॉग गन की सड़कों पर तैनाती होगी।
निर्माण संबंधी जारी 14 नियमों को लागू करना जरूरी
-सभी निर्माण साइटों पर निर्माण स्थल के चारों तरफ धूल रोकने के लिए ऊंची टीन की दीवार खड़ी करना जरूरी है।
-धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साईट पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर साइट पर 2, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर की निर्माण साइट पर 3 और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर की निर्माण साइट पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन होनी चाहिए।
– निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्य के लिए निर्माणाधीन क्षेत्र और भवन को त्रिपाल या नेट से ढकना जरूरी है।
-निर्माण स्थल पर निर्माण सामग्री को लाने, ले जाने वाले वाहनों की सफाई एवं पहिए साफ करना जरूरी है।
-निर्माण सामग्री ले जा रहे वाहनों को पूरी तरह से ढंकना जरूरी है।6. निर्माण सामग्री और ध्वस्तीकरण का मलबा चिन्हित जगह पर ही डालना जरूरी है, सड़क के किनारे उसके भंडारण पर प्रतिबंध है।
-किसी भी प्रकार की निर्माण सामग्री, अपशिष्ट, मिट्टी-बालू को बिना ढके नहीं रखना है।
-निर्माण कार्य में पत्थर की कटिंग का काम खुले में नहीं होनी चाहिए। साथ ही साथ ही वेट जेट का उपयोग पत्थर काटने में किया जाना चाहिए।
-निर्माण स्थल पर धूल से बचाव के लिए कच्ची सतह और मिट्टी वाले क्षेत्र में लगातार पानी का छिड़काव करना चाहिए।
-बीस हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र के निर्माण और ध्वस्तीकरण साइट्स जाने वाली सड़क पक्की और ब्लैक टोप्पड होनी चाहिए
-निर्माण और ध्वस्तीकरण से उत्पन्न अपशिष्ट का साइट पर ही रिसायकल किया जाना चाहिए या उसका चिन्हित साइट पर निस्तारण किया जाए और उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जाए।
-निर्माण स्थल पर लोडिंग-अनलोडिंग एवं निर्माण सामग्री या मलबे की ढुलाई करने वाले कर्मचारी को डस्ट मास्क देना पड़ेगा।
-निर्माण स्थल पर कार्य करने वाले सभी वर्कर के लिए चिकित्सा की व्यवस्था करनी होगी।
-निर्माण स्थल पर धूल कम करने के उपाय के दिशा-निर्देशों का साइन बोर्ड प्रमुखता से लगाना पड़ेगा l
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(Udaipur Kiran) / कुमार अश्वनी