
नई दिल्ली, 6 जून (Udaipur Kiran) । पर्यावरण एवं वन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के निर्देशानुसार पर्यावरण विभाग ने दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम (डीपीटीए), 1994 की धारा 33 के तहत वृक्ष अधिकारियों को धारा 8 के क्रियान्वयन के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि धारा 8 के अनुसार बिना वृक्ष अधिकारी की अनुमति किसी भी पेड़ को काटना, हटाना या नष्ट करना मना है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में जब पेड़ जान-माल या यातायात के लिए खतरा बनता है, तो आरडब्लूएएस, जमीन मालिक एजेंसी, व्यक्ति या जिम्मेदार एजेंसी बिना अनुमति के कार्रवाई कर सकते हैं, बशर्ते 24 घंटे के भीतर इस कार्रवाई की रिपोर्ट वृक्ष अधिकारी को दें।
इस प्रक्रिया में स्पष्टता लाने के लिए दिल्ली सरकार के वन और वन्यजीव विभाग ने एक दिशा निर्देश जारी किया है। इसमें ऐसी सामान्य स्थितियों को बताया गया है, जहां पेड़ों की तुरंत छंटाई या कटाई जरूरी हो सकती है। जैसे कि सड़क, पुल, नालियां या सीवर लाइन बंद करना, भवन या धरोहर संरचनाओं को नुकसान पहुंचाना, मेट्रो या रेलवे संरचनाओं में बाधा उत्पन्न करना या सूखे, मृत या झुके हुए पेड़ जो गिरने का खतरा रखते हों। ऐसी स्थिति में संबंधित एजेंसी, व्यक्ति या आवासीय सोसायटी तुरंत आवश्यक कार्रवाई कर सकती है, लेकिन उसे 24 घंटे के भीतर कम से कम तीन अलग-अलग कोणों से फोटो, भू-स्थान, कार्रवाई का कारण और कार्रवाई के बाद की तस्वीरें डीपीटीए के ई- फॉररेस्ट पोर्टल (https://dpta.eforest.delhi.gov.in) पर अपलोड कर रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। वृक्ष अधिकारी द्वारा अधिनियम के तहत वैध माना जाएगा। वृक्ष अधिकारी खुद भी निरीक्षण या फील्ड दौरे के दौरान खतरे देखे जाने पर कार्रवाई कर सकते हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार जनता की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही हम दिल्ली की हरित संपदा को संरक्षित रखने के लिए समर्पित हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
