मौलाना मदनी ने पीट-पीटकर मार डालने को बताया क्रूरता और दरिंदगी की पराकाष्ठा
नई दिल्ली, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा के चरखी दादरी में हुई मॉब लिंचिंग की घटना की जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनाी ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उनके निर्देश पर 1 सितम्बर को इमदादुल्लाह ख़ां के साथ जमीअत के एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के 24 परगना के तालाटोप गांव जाकर मृतक साबिर मलिक के परिवार से मुलाक़ात की। प्रतिनिधिमंडल ने परिवार वालों को मौलाना मदनी का संदेश सुनाया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हम पीड़ित परिवार के दुख में बराबर के शरीक हैं और इस दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए आपके साथ खड़े रहेंगे।
मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा कि पूरे देश में एक बार फिर मुसलमानों के खिलाफ नफ़रत की आंधी चल पड़ी है। रूड़की में निर्दोष वसीम की निर्मम हत्या की गूंज अभी थमी नहीं थी कि हरियाणा के चरखी दादरी से यह दिल दहला देने वाली खबर आई है। कुछ तथाकथित गौ रक्षकों ने प्रतिबंधित जानवर का मांस खाने का दोष लगाकर दो मुस्लिम युवकों को धोखे से बुलाया और उनको सार्वजनिक रूप से इस तरह प्रताड़ित किया कि उनमें से एक साबिर मलिक की मौत हो गई, जबकि दूसरे युवक का गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में उपचार चल रहा है। इन युवाओं का सम्बंध पश्चिम बंगाल से है, जो यहां रहकर कबाड़ का काम कर रहे थे।
मौलाना ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह हत्या ही नहीं क्रूरता और दरिंदगी की पराकाष्ठा है। भीड़ के रूप में इकट्ठा होकर किसी निर्दोष को पीट-पीट कर मार दिया जाए, यह कहां का इंसाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देश के बावजूद यह दरिंदगी रुक नहीं रही है।उनको राजनीतिक संरक्षण और समर्थन प्राप्त है, इसलिए उनके हौसले बुलंद हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा कोई मुसलमानों की समस्या नहीं, बल्कि एक राजनीतिक समस्या है और इसका राजनीतिक रूप से ही समाधान संभव है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों विशेषकर वह पार्टीयां खुल कर सामने आएं और इसके खिलाफ कानून बनाने के लिए क़दम उठाएं, क्योंकि केवल निंदा कर देना काफी नहीं है।
(Udaipur Kiran) /मोहम्मद ओवैस
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(Udaipur Kiran) / मोहम्मद शहजाद