माइंस विभाग ने अप्रधान खनिजों के प्रकरणों में लागू की बकाया-ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना
जयपुर, 19 सितंबर (Udaipur Kiran) । राज्य सरकार ने माइंस विभाग की अप्रधान खनिजों के बकाया प्रकरणों की विभागीय बकाया एवं ब्याज माफी की एमनेस्टी योजना लागू की है। योजना में अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी के लिए जारी अस्थाई कार्यानुमति के स्थिर भाटक-रेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया, अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2023 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है। विभागीय एमनेस्टी योजना 31 मार्च, 2025 तक प्रभावी रहेगी।
मुख्यमंत्री एवं खान मंत्री भजन लाल शर्मा ने विभागीय एमनेस्टी योजना लागू करने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा कि इस योजना से राज्य सरकार के बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। साथ ही वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होने से वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होगा। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने परिवर्तित बजट 2024 में खनन एमनेस्टी- बकाया प्रकरणों में कुल राशि का श्रेणीवार मात्र 10 से 30 प्रतिशत जमा कराने पर शेष राशि माफ करने की घोषणा की है। विभाग द्वारा बजट घोषणा के क्रियान्वयन में यह एमनेस्टी योजना जारी कर दी है।
खान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि एमनेस्टी योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में अधिकतम 90 प्रतिशत तक की राहत दी गई है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए बकायाधारकों द्वारा योजना के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित राशि योजना अवधि में जमा करानी होगी। डीएमएफटी, आरएसएमईटी, एनजीटी अथवा सक्षम न्यायालय द्वारा निर्धारित शास्ति राशि या अन्य राशि व आदेश जारी होने की तारीख को प्रभावशील ठेकों, खनिज रियायतों पर यह योजना लागू नहीं होगी।
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(Udaipur Kiran) / संदीप