गोरखपुर, 11 नवंबर (Udaipur Kiran) । प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2024 की चयन समिति ने इस वर्ष पुरस्कार के लिए ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ (TEACH) के सह-संस्थापक दीपेश नायर का चयन किया है, वे बधिर तथा कम सुनाई देने संबंधी दिव्यांगता से प्रभावित विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध कराने हेतु पारिस्थितिकी तंत्र निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं, जिससे श्रवण दिव्यांगता से प्रभावित विद्यार्थी व्यक्तिगत, पेशेवर और सामाजिक विकास करते हुए अपने जीवन को स्वतंत्र, सम्मानजनक और सफल दिशा दे सकें। यह पुरस्कार गोरखपुर में 22-24 नवंबर, 2024 के मध्य आयोजित होने जा रहे #70thABVPConf में दिया जाएगा।
यह पुरस्कार वर्ष 1991 से प्राध्यापक यशवंतराव केलकर की स्मृति में दिया जाता है, जिन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन का शिल्पकार कहा जाता है और अभाविप विस्तार में उनकी भूमिका के लिए याद किया जाता है। यह पुरस्कार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विद्यार्थी निधि न्यास की एक संयुक्त पहल है, जो छात्रों की उन्नति एवं शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
पुरस्कार का उद्देश्य युवा सामाजिक उद्यमियों के काम को उजागर करना, उन्हें प्रोत्साहित करना और ऐसे सामाजिक उद्यमियों के प्रति युवाओं का आभार व्यक्त करना तथा युवा भारतीयों को सेवा कार्य के लिए प्रेरित करना है। इस पुरस्कार में ₹1,00,000/- की राशि, प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह समाविष्ट हैं।
प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2024 के लिए चयनित दीपेश नायर ने बधिर तथा कम सुनाई देने संबंधी दिव्यांगता से प्रभावित छात्रों हेतु उच्च शिक्षा मॉडल निर्माण के उद्देश्य से ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ (TEACH) की स्थापना की है, जिसका लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कैरियर के अवसर प्रदान करना है। ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड के सह-संस्थापक और मुख्य संचालन अधिकारी दीपेश नायर सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन और समुदाय सशक्तीकरण की एक सशक्त आवाज हैं। केजे सोमैया से एमबीए करने के उपरांत जेपी मॉर्गन और सिटी बैंक जैसे संस्थानों में 12 वर्षों का कॉर्पोरेट अनुभव रखने वाले दीपेश नायर ने वर्ष 2016 में ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्कूलों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) में शिक्षण से उनकी यह यात्रा शुरू हुई थी। बधिर और कम सुनने वाले विद्यार्थियों के लिए समान शैक्षिक वातावरण निर्माण में ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ के सह-संस्थापक अमन शर्मा के साथ दीपेश नायर के प्रयास उल्लेखनीय है। ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ का कार्य ठाणे, पुणे, दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में विस्तारित है, साथ ही वे देश के विभिन्न अन्य प्रमुख शहरों में इस संस्थान के विस्तार की महत्वपूर्ण योजना पर निरंतर गतिशील हैं। इंटरमीडिएट और स्नातक में 100% शैक्षणिक परिणाम, 2.8 लाख प्रति वर्ष की औसत सीटीसी (CTC) के साथ 90% प्लेसमेंट, वित्त वर्ष 23-24 में 40% नामांकन बढ़ोतरी तथा 13% औसत सीटीसी (CTC) में वृद्धि के साथ ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ का कार्य अत्यंत प्रभावशाली व प्रशंसनीय है। बधिर और कम सुनने वाले छात्रों के लिए, उनकी स्कूली शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा की पहुंच के अंतर को पाटने के लिए ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’) एक पुल का काम कर रहा है। ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ अकादमिक क्षेत्र में सहायता के साथ एक व्यापक समग्र विकास मॉडल प्रस्तुत करने वाला संस्थान है। ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ का यह मॉडल छात्रों को उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करता है और अन्य सभी हितधारकों को प्रभावित करता है। ‘ट्रेनिंग एंड एजुकेशनल सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड’ के हितधारकों में छात्र, परिवार, सहयोगी और शिक्षण संस्थान सम्मिलित हैं।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान एवं चयन समिति के संयोजक प्रा मिलिंद मराठे, अभाविप गोरक्ष प्रांत प्रमुख प्रो. उमा श्रीवास्तव, गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष डॉ. राकेश प्रताप सिंह, गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने ‘यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार’ के विजेता दीपक नायर को बधाई दी और उनके भविष्य के प्रयासों में सफलता की कामना की है।
(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय