नई दिल्ली, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का नाम संक्षिप्त रूप में न लिखें। जब हम पूरा नाम लिखेंगे तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय का सम्मान होगा और उद्देश्य पूरा होगा। दीनदयाल हमारी प्रेरणा थे। यह बात केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा भोजन, पोषण, स्वास्थ्य और वॉश (एफएनएचडब्ल्यू) पर गुरुवार काे सुषमा स्वराज भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य लोगों को गरीबी से मुक्त करना है, लेकिन उसके साथ ही स्वास्थ्य पर भी काम करना होगा, इसके के लिए बड़े संसाधनों की नहीं, बल्कि छोटी-छोटी जानकारियों और जागरूकता की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि स्वयं सहायता समूह से ग्रामीण महिलाओं का, न केवल आर्थिक सशक्तीकरण हुआ है, बल्कि सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक सशक्तीकरण हुआ है। महिलाएं बोझ नहीं, वरदान हैं। यह संगठन की ताकत है।
अपने संबोधन में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ चंन्द्र शेखर पेम्मासानी ने कहा कि भारत में महिलाओं और बच्चों का कल्याण केवल एक प्राथमिकता ही नहीं है बल्कि एक अधिकार और आधार भी है। उन्होंने कहा कि सामाजिक विकास की पहल के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में भोजन, पोषण, जल, सफ़ाई और स्वास्थ्य कार्यक्रम का एकीकरण केवल नीति ही नहीं बल्कि एक क्रांति है।
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(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह / आकाश कुमार राय