नई दिल्ली, 22 फरवरी (Udaipur Kiran) । दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने में रिश्वत लेने के मामले में कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम की अदालत की कार्यवाही रोकने की मांग पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने इस पर 5 मार्च को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान कार्ति चिदंबरम की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि इस मामले में अभियोजन चलाने के लिए जरूरी अनुमति नहीं ली गई है। ऐसे में कोई भी कानूनी कार्यवाही का कोई मतलब नहीं रह जाता है। इस मामले में कोर्ट ने 6 जून 2024 को कार्ति चिदंबरम को जमानत दी थी। कोर्ट ने 19 मार्च 2024 को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में ईडी ने कार्ति चिदंबरम, उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन, पदम दुगार, दुगार हाउसिंग लिमिटेड, विकास मखरिया, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और मंसूर सिद्दीकी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। ईडी ने 25 जनवरी 2024 को चार्जशीट दाखिल किया था। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में पी चिदंबरम के आवास पर छापा मारा था। सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद ईडी ने केस दर्ज किया था।
सीबीआई के मुताबिक 14 मई 2022 को पी चिदंबरम के आवास पर तलाशी के बाद मामला दर्ज किया गया था। कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि वो 2011 में अवैध रूप से 50 लाख रुपये की रिश्वत प्राप्त करने के बाद 263 चीनी नागरिकों के वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे। सीबीआई ने भास्कर रमन को 18 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। सीबीआई के मुताबिक तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था।
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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