नैनीताल, 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट में बनभूलपुरा दंगा के आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की एकलपीठ ने निर्णय को इस विधिक प्रश्न पर सुरक्षित रख लिया है कि क्या इस मामले को एकलपीठ सुनवाई करेगी या खंडपीठ। अभी जमानत दिए जाने या नही दिए जाने का प्रश्न नही है। प्रश्न यह है कि जिस केस में यूएपीए लग जाता है उसकी जमानत उच्च न्यायलय की खंडपीठ सुनेगी या एकलपीठ इस पर कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है। राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इस केस में यूएपीए लगा है इसलिए मामले को खंडपीठ सुनेगी। इससे संबंधित केसों में खंडपीठ सुनवाई कर रही है और कई मामले को सुन चुकी है। जबकि आरोपी की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच रेग्यूलर पुलिस कर रही है। इसलिए मामले को एकलपीठ सुन सकती है। इससे संबंधित उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय को पेश किए और कहा कि खंडपीठ उन मामलों को सुन सकती है जिसमे एनआईए ने जांच की हो और स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया हो। यहां सेशन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है और रेग्यूलर पुलिस ने मामले की जांच की है। सरकार की ओर से तरफ से यह भी कहा गया कि आरोपी के खिलाफ यूएपीए जैसे गंभीर धाराओं में मामला दर्ज हैं दंगे का मुख्य आरोपियों में से एक है। इसलिए सिंगल बेंच सुनवाई नहीं कर सकती है। अब्दुल मलिक की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पैरवी की।
(Udaipur Kiran) / लता