नई दिल्ली, 21 नवंबर (Udaipur Kiran) । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में सेंध मामले के आरोपित महेश कुमावत की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा। कोर्ट ने जमानत याचिका पर कल यानी 22 नवंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
इस मामले में कोर्ट ने 18 नवंबर को आरोपियों की न्यायिक हिरासत 30 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने 11 सितंबर को इस मामले की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे। चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपित दो साल से योजना बना रहे थे। करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपित एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे। आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी। उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी। दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था।
दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने 7 जून को पहली चार्जशीट दाखिल किया था। दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है।
बतादें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित चैंबर में कूदे। कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया।संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।
पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो आरोपित नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराएं। पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 22 दिसंबर 2023 को हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया था।
—————
(Udaipur Kiran) / पवन कुमार