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सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात के जामनगर में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित

Suprem Court File Photo

नई दिल्ली, 03 मार्च (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस से राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ गुजरात के जामनगर में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को पुलिस को समझना चाहिए।

पहले की सुनवाई में कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा था कि आप इमरान प्रतापगढ़ी की कविता पर गौर कीजिए। आखिर रचनात्मकता भी महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को गुजरात सरकार और ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया था। इमरान प्रतापगढ़ी ने दावा किया है कि एफआईआर गुजरात पुलिस ने राजनीतिक दुर्भावना से दर्ज किया है।

दरअसल, इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कथित तौर पर उत्तेजक गाने के साथ एक संपादित वीडियो पोस्ट करने के लिए जामनगर में एफआईआर दर्ज किया गया है। इमरान प्रतापगढ़ी ने एफआईआर निरस्त करने के लिए पहले गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। गुजरात हाई कोर्ट ने 17 जनवरी इमरान प्रतापगढ़ी की याचिका खारिज कर दिया था।

सोशल मीडिया एक्स पर प्रतापगढ़ी द्वारा अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप, जिसमें वह हाथ हिलाते हुए चल रहे थे तो उन पर फूलों की वर्षा की जा रही थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था। इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि उस गाने के बोल उत्तेजक, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं। इमरान प्रतापगढ़ी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन हैं।

(Udaipur Kiran) /संजय

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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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