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वायनाड में मरने वालों की संख्या 308 हुई, पांच नागरिकों को जिंदा बचाया गया

वायनाड

– भूस्खलन क्षेत्रों में जीवित लोगों को खोजने और मलबे से शवों को निकालने का ऑपरेशन तेज – सेना की मदद से भूस्खलन इलाकों में कई जगह तमाम क्षेत्रों का संपर्क बहाल कर दिया गया

नई दिल्ली, 04 अगस्त (Udaipur Kiran) । केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान रविवार को 6वें दिन में प्रवेश कर गया। कुदरत की मार से जमींदोज हुए गांवों में मरने वालों की संख्या 308 हो गई है, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। सेनाओं के सहयोग से भूस्खलन क्षेत्रों में जीवित लोगों को खोजने और मलबे से शवों को निकालने का ऑपरेशन चल रहा है। भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के संयुक्त ऑपरेशन में पांच नागरिकों को जिंदा बचाया गया है। साथ ही भूस्खलन की वजह से कटे तमाम क्षेत्रों का संपर्क बहाल कर दिया गया है।

वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई गांव में 30 जुलाई की देर रात लगातार तीन बार भूस्खलन होने से सैकड़ों लोग मलबे में दब गए। वायनाड प्रशासन ने अब तक 308 लोगों के मरने की पुष्टि की है, जबकि अभी भी लापता लोगों की तलाश लगातार की जा रही है। सेना के सर्च ऑपरेशन के लिए 1300 से अधिक बलों को तैनात किया गया है। सेना ने प्रशिक्षित लैब्राडोर जाकी, डिक्सी और सारा की मदद से मलबे में ‘जिंदगी’ की तलाश शुरू की है। सर्च ऑपरेशन के दौरान मिल रहे शव स्थानीय प्रशासन को सौंपे जा रहे हैं। मलबे से उठ रही सड़ांध की वजह से अभी भी शवों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। मलबे से शवों को खोजने के लिए सेना की डॉग यूनिट से और प्रशिक्षित कुत्ते वायनाड भेजने की योजना बनाई जा रही है।

भारतीय सेना की राहत टुकड़ियों ने अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर भूस्खलन के मूल स्थल पुंजरी मातोम के अंतिम सुदूर गांव तक संपर्क बहाल कर दिया है, जिससे जिससे प्रभावित समुदाय को बड़ी राहत मिली है। इसी दौरान सेना के जवानों ने सोचीपारा झरने के पास फंसे दो नागरिकों सलीम और मुहसिन को सुरक्षित निकाला। इन्हें मामूली चोटें आई हैं, जो उन्हें ऊपर चढ़ते समय लगी थीं। चूरलमाला के स्थानीय लोग और स्कूली बच्चे आज मद्रास सैपर्स की उस टुकड़ी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में एकत्रित हुए, जिन्होंने चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाले इरुवानिपझा नदी पर बेली ब्रिज का निर्माण किया। नागरिकों ने प्रकृति के प्रकोप के बीच उम्मीद जगाने के लिए बचाव दल को धन्यवाद दिया। पुल के रखरखाव और राहत कार्यों के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

भारतीय तटरक्षक बल की बचाव टीम ने भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना की टीमों के साथ मिलकर आज सुबह मुंडक्कई से सूजीपारा तक नदी के किनारे तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आईसीजी की खोज टीम ने 03 नागरिकों को देखा। जीवित बचे लोगों की मौजूदगी की जानकारी तुरंत मेपाडी स्थित नियंत्रण केंद्र को दी गई और इसके बाद आईसीजी, सेना और वायुसेना की टीमों को शामिल करते हुए तेजी से भूमि और हवाई बचाव अभियान शुरू किया गया। जमीन और हवाई दोनों संसाधनों का उपयोग करते हुए इन बलों के संयुक्त प्रयासों से तीनों नागरिकों को सुरक्षित बचा लिया गया।

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम / पवन कुमार श्रीवास्तव

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