RAJASTHAN

रणथंभौर नेशनल पार्क के टाइगर टी-86 की मौत

टाइगर टी 86 की मौत का एक वीडियो के साथ कुछ फोटोज भी सामने आए हैं।

सवाईमाधाेपुर, 3 नवंबर (Udaipur Kiran) । रणथंभौर नेशनल पार्क के टाइगर टी-86 की मौत हो गई है। टाइगर का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में शरीर पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे हैं। टाइगर के चारों तरफ बड़े-बड़े पत्थर पड़े दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में टाइगर के मुंह पर धारदार हथियार से कटने के चोट के निशान भी हैं। आशंका जताई जा रही है कि पत्थरों से बाघ को मारा गया है, लेकिन वन विभाग इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर रहा है।

जानकारी के मुताबिक बाघ का शव रणथंभौर नेशनल पार्क से बिल्कुल सटे हुए उलियाना गांव के एक खेत में मिला है। यह वही उलियाना गांव है, जहां कल एक टाइगर ने एक ग्रामीण को मार डाला था। इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि जिस बाघ का शव मिला है, उसी ने एक दिन पहले हमला किया था।प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बैनर्जी ने बताया कि बाघ की डेड बॉडी मिली है, कल पोस्टमार्टम होगा, उसके बाद ही मौत के असली कारणों का पता लग सकेगा। बाघ टी-86 को बाघिन लाडली टी-8 ने जन्म दिया था। टाइगर की उम्र 14 साल थी। जो जोन नंबर एक और दो में रहता था। टेरेटरी फाइट के चलते जोन एक और दो से निकलकर टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी।

एक दिन पहले शनिवार को बाघ के हमले में भरत लाल मीणा पुत्र रामकल्याण मीणा निवासी उलियाना की मौत हो गई थी। भरत लाल रणथंभौर नेशनल पार्क की दीवार से सटे खेत में अपनी बकरियां चरा रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे टाइगर ने उस पर हमला कर दिया था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। टाइगर शव को लेकर करीब 20 मिनट तक बैठा रहा था। हालांकि यह पता नहीं चला है कि उस युवक को किस बाघ ने मारा था। भरत लाल मीणा की मौत से नाराज ग्रामीण 22 घंटे तक धरने पर बैठे रहे। शनिवार को मौत के बाद शाम करीब छह बजे ग्रामीणों ने उलियाना गांव में सवाई माधोपुर-कुंडेरा रोड पर जाम लगा दिया था। इसके बाद रविवार सुबह सभी ग्रामीण उलियाना गांव में सवाई माधोपुर-कुंडेरा रोड से शव लेकर गणेश धाम (रणथंभौर का एंट्री गेट) पर धरना देने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने जमूलखेड़ा मोड़ के पास रोक दिया। ग्रामीण इसी जगह शव रखकर धरने पर बैठ गए। इसके बाद कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की मध्यस्थता से सहमति बनी है।

प्रशासन के साथ मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी है। इसमें दस लाख रुपए वन विभाग और प्रशासन व पांच लाख रुपए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी मीणा की ओर से दिए जाएंगे। फोरेस्टर मंगल सिंह को हटाया जाएगा। मृतक के परिवार ने 50 लाख रुपए मुआवजे में मांगे थे। इसमें से 15 लाख रुपए पर सहमति बन गई है। इसमें से बचे 35 लाख रुपए, पांच बीघा जमीन और सीसीएफ, डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजेंगे। वन विभाग की ओर से मृतक के परिवार के आश्रित को नेचर गाइड़ की नियुक्ति दी जाएगी। वहीं सीसीएफ अनूप केआर और डीएफओ रामानंद भास्कर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक दस-दस ग्रामीण रोजाना धरना देंगे।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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