Chhattisgarh

मतांतरित परिवार के सदस्य की मौत, गांव में अंतिम संस्कार से बहिष्कार

मतांतरित परिवार के सदस्यों को समझाते हुए एसडीएम डा विभोर अग्रवाल व अन्य अधिकारी।

धमतरी, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । धमतरी शहरी सीमा से आठ किमी दूर ग्राम पंचायत भटगांव में सालों से मतांतरित परिवार के एक बुजुर्ग सदस्य की मौत होने के बाद गांव में उसके शव के अंतिम संस्कार करने का पूरे गांव ने एकजुट होकर विरोध किया। ग्रामीणों की भीड़ लगी। माहौल खराब होने लगा, तो शासन-प्रशासन व पुलिस की टीम गांव पहुंची। अधिकारियों की समझाईश के बाद मतांतरित परिवार के सदस्यों ने मौत के नौ घंटे बाद शाम चार बजे दूसरे गांव में इसाई समाज के तय जगह अंतिम संस्कार किया। तब जाकर ग्रामीणों की भीड़ शांत हुई।

ग्राम पंचायत भटगांव में 17 अक्टूबर की सुबह साढ़े सात बजे वीशू साहू 70 वर्ष की मौत हो गई। घटना के बाद उनके पुत्र मुरली साहू व परिवार के सदस्य गांव में अंतिम संस्कार करने के लिए तैयारी कर रहे थे। चूंकि पूरा परिवार पिछले पांच-छह सालों से इसाई धर्म में मतांतरित हो चुका है। गांव व समाज के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होते। गांव को किसी तरह सहयोग प्रदान नहीं करते, ऐसे में पूरा गांव एकजुट होकर मतांतरित मुरली साहू के मृत पिता वीशू साहू के शव का अंतिम संस्कार गांव में करने से विरोध किया, लेकिन ग्रामीणों ने हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करने पर सहमति जताई थी, लेकिन मतांतरित परिवार के सदस्यों ने नहीं माना, इससे गांव में आक्रोश बढ़ने लगा। विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की भीड़ भी गांव पहुंच गई। गांव में भीड़ बढ़ने व माहौल खराब होने की जानकारी मिलने पर रूद्री पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी गांव पहुंचे।

एसडीएम डा विभोर अग्रवाल भी गांव पहुंचकर वस्तु-स्थिति की जानकारी ली। ग्रामीणों से चर्चा के बाद शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों ने मतांतरित परिवार के सदस्यों को समझाया। कुछ समय तक आना-कानी करते रहे, लेकिन अंत में मान गए और दोपहर साढ़े तीन बजे मुरली साहू व उसके स्वजन मृत वीशू साहू के शव को अंतिम संस्कार के लिए धमतरी-बागतराई रोड स्थित इसाई समाज के जगह पर अंतिम संस्कार किया। गांव से बाहर अंतिम संस्कार के लिए शव ले जाने के बाद गांव का माहौल शांत हुआ और ग्रामीण चले भी गए। पुलिस अधिकारी व कर्मचारी भी ग्रामीणों को सलाह देने के बाद लौट आए। इस संबंध में एसडीएम डा विभोर अग्रवाल ने कहा कि परिवार के सदस्यों को समझाने के बाद मान गए और वे अपने रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार के लिए शव दूसरे जगह ले गए।

(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा

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