जयपुर, 25 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और बेंच के बीच गतिरोध एक बार फिर खुलकर सामने आ गया है। ऐसे में हाईकोर्ट बार ने न केवल हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से आयोजित दिवाली स्नेह मिलन समारोह का बहिष्कार किया, बल्कि सीजे एमएम श्रीवास्तव की शिकायत करते हुए राष्ट्रपति, सीजेआई और प्रधानमंत्री सहित कानून मंत्री को पत्र भेजा है।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल, 2023 को एक केस में तय किया था कि वकीलों की समस्याओं के समाधान के लिए हाईकोर्ट स्तर पर एक विवाद निस्तारण कमेटी गठित की जाएगी। इस कमेटी में सीजे, दो वरिष्ठ न्यायाधीश, बार कौंसिल चेयरमैन, बार अध्यक्ष और महाधिवक्ता होंगे। हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में कमेटी का गठन कर दिया, लेकिन आज तक कमेटी एक भी बैठक नहीं हुई। जबकि एसोसिएशन विभिन्न समस्याओं को लेकर अब तक नौ बार सीजे को अभ्यावेदन दे चुकी है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बार अध्यक्ष ने बताया कि हाईकोर्ट प्रशासन ने रोस्टर प्रणाली में सुधार नहीं किया है। वहीं एक जज के समक्ष सुनवाई के लिए हजारों केस सूचीबद्ध हो रहे हैं, जबकि एक दिन में अधिकतम दो सौ मुकदमों की ही सुनवाई हो सकती है। इसके अलावा हाईकोर्ट को वीसी और फिजिकल मोड पर एक साथ नहीं चलाया जा रहा। अदालतों में वीसी के लिए संसाधन नहीं उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा सीजे को पत्र लिखकर दिवाली को देखते हुए लंबित तीन हजार जमानतों के मामलों की सुनवाई के लिए बेंच गठित करने का निवेदन किया था, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यदि उनका ऐसा ही रवैया रहा तो हमें उनकी कोर्ट का भी बहिष्कार करना पडेगा।
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(Udaipur Kiran)