जम्मू, 16 जनवरी (Udaipur Kiran) । भाजपा नेत्री रजनी सेठी ने वीरवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू करना जम्मू-कश्मीर के शासन ढांचे में एक महत्वपूर्ण क्षण था। इसके बाद हुए परिवर्तनकारी कदमों में पहले जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव इस क्षेत्र में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र की आधारशिला बन गए। 7 लाख से अधिक मतदाताओं की भागीदारी के साथ आयोजित इन चुनावों में 280 सदस्य चुने गए, जिनमें कश्मीर में 3.7 लाख और जम्मू में 3.2 लाख वोट पड़े। इस महत्वपूर्ण घटना ने स्थानीय शासन में लंबे समय से चली आ रही कमियों को दूर किया, क्योंकि 1989 का पंचायती राज अधिनियम पहले स्थानीय निकायों को प्रभावी रूप से सशक्त बनाने में विफल रहा था।
17 अक्टूबर, 2020 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में एक मजबूत त्रि-स्तरीय शासन संरचना की स्थापना करके पंचायती राज प्रणाली को पुनर्जीवित किया। इस कदम ने लोकतांत्रिक प्रथाओं को मजबूत किया, केंद्रीय नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन को सक्षम किया और ग्रामीण विकास पर केंद्रित नेतृत्व के एक नए कैडर का मार्ग प्रशस्त किया। हालांकि चुनौतियां बनी हुई हैं। विधान सभा के सदस्यों (एमएलए) और डीडीसी सदस्यों के बीच भूमिकाओं के स्पष्ट चित्रण की कमी कार्यात्मक अस्पष्टता पैदा करती है जिससे उनकी कुशलता से काम करने की क्षमता में बाधा आती है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में डीडीसी के लिए बजटीय आवंटन अन्य राज्यों की तुलना में कम है जिससे विकास परियोजनाओं को लागू करने की उनकी क्षमता सीमित हो जाती है।
इन मुद्दों के मद्देनजर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर सरकार के लिए निर्णायक कदम उठाना आवश्यक है। ओवरलैप और अस्पष्टता को खत्म करने के लिए विधायकों और डीडीसी की शक्तियों को परिभाषित करने वाला एक स्पष्ट ढांचा स्थापित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, ग्रामीण समुदायों की आकांक्षाओं को पूरा करने और सभी जिलों में समान विकास को बढ़ावा देने के लिए डीडीसी को सशक्त बनाने के लिए बजट आवंटन में वृद्धि महत्वपूर्ण है।
ये उपाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। डीडीसी को पर्याप्त संसाधनों और अधिकारों के साथ मजबूत करने से समावेशी विकास सुनिश्चित होगा और एक संपन्न लोकतंत्र को बढ़ावा मिलेगा जो केंद्र शासित प्रदेश के हर कोने तक पहुंचेगा। समृद्ध और एकजुट जम्मू-कश्मीर की नींव को मजबूत करने के लिए अब कार्य करने का समय है।
(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा