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कांगड़ा जिला में सुरक्षित भवन निर्माण को दी जाएगी प्राथमिकता : डीसी

धर्मशाला, 29 अगस्त (Udaipur Kiran) । सुरक्षित भवन निर्माण के लिए मिस्त्रियों तथा कारपेंटर्स को प्रशिक्षित किया जाएगा, प्रत्येक पंचायत से कम से कम मिस्त्रियों को सुरक्षित भवन निर्माण के लिए प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस के लिए 31 अगस्त तक विकास खंड अधिकारियों के माध्यम से प्रशिक्षण के लिए नोमिनेशन भी मांगे गए हैं। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि दूसरे चरण में कांगड़ा जिला के सात विकास खंडों के मिस्त्रियों तथा कारपेटर्स के लिए प्रशिक्षण करवाया जाएगा, इसमें प्रत्येक ब्लाक से आठ मिस्त्रियों तथा दो बार बाइंडर के नाम भेजने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि नगरोटा बगबां, कांगड़ा, प्रागपुर, रैत, इंदौरा, नुरपुर, फतेहपुर दो सितंबर से लेकर सात सितंबर तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें सुरक्षित भवन निर्माण को लेकर विशेषज्ञ मिस्त्रियों को जानकारी उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने सभी विकास खंड अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए मिस्त्रियों की सूची 31 अगस्त तक भेजने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर आवासीय होगा तथा इस में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को मानदेय भी दिया जाएगा। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में स्थित है तथा इसी को ध्यान में रखते हुए भूकंपरोधी सुरक्षित भवन निर्माण अत्यंत जरूरी है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन तथा आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से सुरक्षित भवन निर्माण तथा अन्य निर्माण कार्यों को लेकर आम जनमानस को जागरूक करने के लिए अभियान आरंभ किया जाएगा ताकि सामाजिक सहभागिता के साथ ग्रामीण स्तर तक लोगों को सुरक्षित भवन निर्माण के लिए प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि भूकंप से नुक्सान को कम करने के लिए ईमारतों की रेट्रोफिटिंग जरूरी है तथा इसी दिशा में प्रारंभिक तौर पर विद्यालयों तथा अस्पतालों की इमारतों को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से रेट्रोफिटिंग का प्रयास आरंभ किया गया है। उन्होने बताया कि अभी तक 10 ईमारतों की रेट्रोफिटिंग के लिए राज्य आपदा प्रबन्धन ने पैसे जारी किए हैं। इन 10 ईमारतों में अस्पताल और स्कूल शामिल हैं।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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