
ऊना, 25 मार्च (Udaipur Kiran) । उपायुक्त ऊना जतिन लाल ने मंगलवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे सुरक्षित मातृत्व आश्वासन कार्यक्रम (सुमन) की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने बताया कि बैठक का मकसद मातृ एवं नवजात शिशु मृत्यु दर को शून्य करने की दिशा में प्रगति की समीक्षा करना तथा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
इस दौरान उपायुक्त ने मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने सभी गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को निःशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यापक पहुँच सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए ताकि उन्हें सुरक्षित एवं सम्मानजनक मातृत्व सेवाएँ मिल सकें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ संजीव वर्मा ने बताया कि जिले में सुमन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 59 स्वास्थ्य उपकेंद्र, 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 5 सिविल अस्पताल अधिसूचित किए गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि जिला में अब तक 7,317 गर्भवती महिलाओं की एंटीनेटल केयर (एएनसी) जांच पूरी की जा चुकी है। जिले में 4 एएनसी जांच का लक्ष्य 86.1 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान का लक्ष्य 7.1 प्रतिशत तक पूरा किया गया है। पंजीकृत गर्भवती महिलाओं में प्रसव दर 96.4 प्रतिशत तक पहुँच गई है, जो संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
डॉ संजीव वर्मा ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष की तुलना में मातृ मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है जोकि सुरक्षित मातृत्व सेवाओं में सुधार को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
सीएमओ ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए ग्राम स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता समितियाँ (वीएचएसएनसी) और ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (वीएचएनडी) को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में 76.2 प्रतिशत वीएचएसएनसी और वीएचएनडी सफलतापूर्वक आयोजित किए जा रहे हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / विकास कौंडल
