HimachalPradesh

सिविल डिफेंस प्लान के संचालन में नोडल अधिकारियों की अहम भूमिका : डीसी

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा।

धर्मशाला, 06 मई (Udaipur Kiran) । उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में सिविल डिफेंस प्लान के सुचारू कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के प्राधिकृत नोडल अधिकारी तत्परता के साथ कार्य करें ताकि विशेष परिस्थितियों में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मंगलवार को एनआईसी सभागार में सिविल डिफेंस प्लान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बेरवा ने कहा कि सिविल डिफेंस के मानकों के अनुसार प्रत्येक पंचायत से जनसंख्या का एक प्रतिशत वलंटियर्स तैयार करना जरूरी है।

उन्होंने सभी उपमंडलाधिकारियों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिफेंस प्लान की तैयारियों को परखने के लिए निकट भविष्य में कांगड़ा जिला में सिविल डिफेंस ड्रिल भी आयोजित की जाएगी ताकि आपातकालीन स्थितियों में बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि ड्रिल लोगों को सायरन की आवाज और उसका मतलब समझाने, साथ ही सुरक्षित स्थान में जाने जैसी त्वरित प्रतिक्रिया का अभ्यास करवाने के लिए होती है।

उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस ड्रिल में ब्लैकआउट प्रॉटोकॉल लागू करने का मतलब है युद्ध, हवाई हमला या अन्य बड़े खतरे के दौरान सभी बत्तियां बुझाना। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रात के समय या विशेष परिस्थितियों में घरों, इमारतों, सड़कों आदि की बत्तियों को बंद या ढक दिया जाता है ताकि दुश्मन के हवाई हमलों या निगरानी से बचा जा सके।

उन्होंने कहा कि ड्रिल नागरिकों और अधिकारियों को प्रशिक्षित करती है कि आपात स्थिति में ब्लैकआउट को तुरंत और प्रभावी ढंग से लागू कैसे करना है। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट्स, वाहनों की हेडलाइट्स, और रोशनी के अन्य स्रोतों को कंट्रोल करना सिखाया जाता है।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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सिविल डिफेंस प्लान के संचालन में नोडल अधिकारियों की अहम भूमिका : डीसी

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा।

धर्मशाला, 06 मई (Udaipur Kiran) । उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा जिला में सिविल डिफेंस प्लान के सुचारू कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के प्राधिकृत नोडल अधिकारी तत्परता के साथ कार्य करें ताकि विशेष परिस्थितियों में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। मंगलवार को एनआईसी सभागार में सिविल डिफेंस प्लान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त हेमराज बेरवा ने कहा कि सिविल डिफेंस के मानकों के अनुसार प्रत्येक पंचायत से जनसंख्या का एक प्रतिशत वलंटियर्स तैयार करना जरूरी है।

उन्होंने सभी उपमंडलाधिकारियों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिफेंस प्लान की तैयारियों को परखने के लिए निकट भविष्य में कांगड़ा जिला में सिविल डिफेंस ड्रिल भी आयोजित की जाएगी ताकि आपातकालीन स्थितियों में बेहतर तरीके से कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि ड्रिल लोगों को सायरन की आवाज और उसका मतलब समझाने, साथ ही सुरक्षित स्थान में जाने जैसी त्वरित प्रतिक्रिया का अभ्यास करवाने के लिए होती है।

उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस ड्रिल में ब्लैकआउट प्रॉटोकॉल लागू करने का मतलब है युद्ध, हवाई हमला या अन्य बड़े खतरे के दौरान सभी बत्तियां बुझाना। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें रात के समय या विशेष परिस्थितियों में घरों, इमारतों, सड़कों आदि की बत्तियों को बंद या ढक दिया जाता है ताकि दुश्मन के हवाई हमलों या निगरानी से बचा जा सके।

उन्होंने कहा कि ड्रिल नागरिकों और अधिकारियों को प्रशिक्षित करती है कि आपात स्थिति में ब्लैकआउट को तुरंत और प्रभावी ढंग से लागू कैसे करना है। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइट्स, वाहनों की हेडलाइट्स, और रोशनी के अन्य स्रोतों को कंट्रोल करना सिखाया जाता है।

(Udaipur Kiran) / सतिंदर धलारिया

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