
जोधपुर, 27 मार्च (Udaipur Kiran) । शहर में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपती ने अपनी कमाई से मकान बनाया, लेकिन उन्हें उन्हीं के घर से बहू ने बेदखल कर दिया। ऐसी विकट परिस्थिति में बुजुर्ग ने कोर्ट की शरण ली और अब जोधपुर की एसडीएम कोर्ट के पीठासीन अधिकारी आईएएस प्रीतम कुमार ने अपने आदेश में बुजुर्ग को दुबारा उसी घर में रहने और उनकी पुत्रवधु को सास-ससुर से अच्छा व्यवहार बनाए रखने के लिए भी पाबंद किया है।
अधिवक्ता हेमंत बावेजा ने बताया कि लालसागर चाणक्य नगर निवासी परसराम ने अपनी कमाई से घर खरीदा था। यहीं उनका इकलौता बेटा भी रहता है। माता-पिता ने बेटे की शादी वीणा के साथ की। पिछले कई महीनों से वीणा सास-ससुर के साथ गाली गलौच, झगड़ा व मारपीट करने के साथ उन्हें झूठे केस में फंसाकर जेल भेजने की धमकियां दे रही थी।
बहू की धमकियों से बुजुर्ग पहले से ही परेशान थे, इसी बीच करीब चार महीने पहले बहू ने सास-ससुर को उन्हीं के घर से निकाल दिया। इसके बाद से वे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए। ऐसे हालात में बुजुर्ग ने अधिवक्ता बावेजा के माध्यम से कोर्ट की शरण ली। उनकी ओर से बावेजा ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम के तहत मुकदमा दायर कर न्याय की मांग की।
इस मामले में पीठासीन अधिकारी ने पुलिस को भी आदेश दिया कि बुजुर्ग को उनके घर में सुरक्षित प्रवेश कराए। साथ ही पुत्रवधु द्वारा उनके साथ किसी प्रकार की गाली गलौज नहीं करने, सद्व्यवहार बनाए रखने के लिए पाबंद किया गया है। इतना ही नहीं, पुलिस को आदेश दिए है कि वह हर महीने के अंत में बुजुर्ग से समन्वय स्थापित कर उनका हालचाल भी जाने।
(Udaipur Kiran) / सतीश
