
दतिया, 20 मई (Udaipur Kiran) । दतिया का अधिकतम तापमान मंगलवार को 44.8 डिग्री को पार कर गया। सूर्य की किरणे आसमान से आग उगलती रही इस सीजन का दतिया मे अवतक का सबसे अधिक तापमान रहा। भाषण गर्मी के कारण शहर की सड़को पर सन्नाटा रहा।
इस बार नौ-तपा से पहले ही भीषण गर्मी पढ़ रही है। भीषण गर्मी व गर्म हवाओं ने लोगों को त्रस्त कर रखा है और जिले में लगातार तापमान 44.8 डिग्री के आसपास बना हुआ है। ऐसे में लोगों को स्वास्थ समस्याऐं भी सामने आने लगी है। इससे बच्चों से लेकर बुजुर्ग प्रभावित हो रहे है, गर्मी की बजह से डिहाइड्रेशन, पेट दर्द, उल्टी, बुखार और डायरिया, के मरीज बढ़ रहे है जिला चिकित्सालय में डाॅ.हरेन्द्र जादौन मेडीसन स्पेस्लिस्ट ने बताया कि आने वाले दिनों में इसमें और बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। नागरिक लू बचाव हेतु दोपहर में यदि आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकले।
इस अधिक तापमान शरीर की तापमान नियमन प्रणाली को खराब कर देता है और शिशुओं, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 या उससे अधिक उम्र के लोगों, मजदूरों, मोटापे से पीड़ित लोगों, मानसिक रूप से बीमार लोगों, हृदय रोग से पीड़ित रोगियों को उच्च तापमान से बचना चाहिए। गर्मी से बचने के लिए हमें दोपहर में धूप में बाहर नहीं निकलना चाहिए। हर आधे घंटे बाद पानी पीना चाहिए। किन्तु मिर्गी या हृदय रोग, गुर्दे या यकृत रोग से पीड़ित लोगों सीमित तरल पदार्थ का सेवन कर रहे है, उन्हें पानी का सवेन बढ़ाने से पहले चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। भीषण गर्मी के पशु पक्षिया का लोगों को भी ध्यान रखना चाहिए। घर के बाहर पानी का वर्तन एवं पेड़ों पर सकोरे टांगे जिससे पशुपक्षी आसानी से पानी पीकर भीषण गर्मी से बचें।
नंगे पैर धूप में न जाए
बहार काम करते समय पूरे शरीर को ढ़कने वाले हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए, सीधी धूप से बचने के लिए सिर को ढ़कने के लिए छाता, टोपी, गमछा, पगड़ी या दुपट्टे का उपयोग करना चाहिए, नंगे पैर धूप में न जाएं जो लोग धूप में काम करते है उन्हें शरीर का तापमान 37 डिग्री पर रखने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर बाद छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला तौलिया या कपड़ा रखना चाहिए।
चिकित्सा महाविद्यालय दतिया के चाईल्ड स्पेशलिस्ट सह प्राध्यापक डा.मनीष अजमेरिया का कहना है कि बच्चो को हो सके तो घर से बाहर कम ही निकाले और खासकर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक बच्चो को घर पर ही हवादार ठंडे कमरे में रखे ध्यान रखे बच्चो सीधे कूलर या पंखे की हवा से बजाय ठंडे कमरे में रखे बच्चो के शरीर में पानी की उचित मात्रा बनाए रखे इसके लिए 6 महीने से छोटे बच्चो को जितना हो सके मां का दूध दे व इससे बड़े बच्चो को समय समय पर पानी देते रहे पानी के रुप में छाछ नींबू पानी नारियल पानी या फलों से बना जूस घर पर बना हुआ इत्यादि देते रहे।
सिविल सर्जन के.सी.राठौर का कहना है कि जिलाधीश के निर्देशन में चिकित्सालय में हीट स्ट्रोक वार्ड अलग से बनाया गया जिसमें 10 पलंग होगे और वह मरीज जिन्हें लू लग गई है उनका ईलाज होगा। गर्मी और लू के कारण डिहाईड्रेशन , हीट स्ट्रोक, बुखार, उल्टी, दस्त, पेट की गड़बड़ी और संक्रमण जैसी समस्याऐं बढ़ जाती है दोपहर में 11 से 5 बजे तक धूप में बाहर निकलते समय सिर ढके एवं हल्के सूती कपड़े पहने एवं आवश्यक होने पर ही धूप में घर के बाहर निकले।
(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
