
भागलपुर, 28 मई (Udaipur Kiran) । गणपतराय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर सैनिक स्कूल नरगाकोठी चंपानगर भागलपुर में भारती शिक्षा समिति एवं शिशु शिक्षा प्रबंध समिति के तत्वावधान में चल रहे नवीन आचार्य प्रशिक्षण वर्ग, सेवा स्थायित्व वर्ग, कार्यरत आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन बुधवार का प्रारंभ विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्यालीराम, भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, वर्ग के प्रधानाचार्य उमाशंकर पोद्दार, वर्ग की मीडिया प्रभारी राकेश नारायण अंबष्ट एवं प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर उमाशंकर पोद्दार ने कहा कि सबसे पहले पढ़ने के लिए बालकों का मन तैयार करना जरूरी है। मन की एकाग्रता, मन की शांतता बालकों के लिए आवश्यक है। मन को तैयार करने के लिए बालकों को उनके रुचि अनुसार कार्य करना है। बच्चों के समक्ष इच्छा अनुरूप विषय प्रतिपादित करना ज्वाययफूल लर्निंग शिक्षण कहलाता है। पंचपदी शिक्षण पद्धति एक ऐसी शिक्षण पद्धति है जो किसी भी विषय की संपूर्ण इकाई को पांच चरणों में विभाजित करती है। कक्षा कार्यक्रम मूल्यांकन कर पता करना कि हमारे द्वारा दिया गया ज्ञान बालको तक पहुंचा यही बोध है। गृह कार्य के अंतर्गत छोटे-छोटे प्रश्न के द्वारा पता करना अभ्यास है। व्यवहारिक जीवन में प्राप्त ज्ञान का उपयोग करना प्रयोग है। अपने सीखे हुए ज्ञान को दूसरों को सिखाना प्रसार है। आज प्रशिक्षण वर्ग में भाग ले रहे प्रशिक्षणार्थियों को रिसोर्स पर्सन के द्वारा पंचपदी शिक्षण पद्धति आधारित पाठ योजना निर्माण की प्रक्रिया बताया गया एवं उनके द्वारा पाठ योजना निर्माण कराया गया। आज प्रातः में प्रशिक्षणार्थियों को प्रातः स्मरण, योग एवं कर्म योग की शिक्षा दी गई। सायं में मुख्य शिक्षक चंद्रशेखर कुमार के द्वारा गण निर्माण कर प्रशिक्षणार्थियों को समता का अभ्यास कराया गया। संचालन एवं परिचय वर्ग के मीडिया प्रभारी राकेश नारायण अंबष्ट द्वारा कराया गया। इस अवसर पर ब्रह्मदेव प्रसाद, रमेश मणि पाठक, सतीश सिंह, परमेश्वर कुमार ,वीरेंद्र कुमार, बलराम कुमार, रामचंद्र आर्य, सोनू कुमार, सुधांशु कुमार, शशि भूषण मिश्र एवं सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / बिजय शंकर
