Madhya Pradesh

दमोह: सेंट जॉन्स स्कूल संस्थाओं को हस्तांतरित 2 करोड़ 47 लाख रूपये

ईसाई मिशनरी से संबधित विघालय पर कलेक्टर कोचर ने फिर उठाये प्रश्न
ईसाई मिशनरी से संबधित विघालय पर कलेक्टर कोचर ने फिर उठाये प्रश्न

दमोह, 21 जनवरी (Udaipur Kiran) । ईसाई मिशनरी से संबधित दमोह नगर के सेन्ट जॉन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल के विरूद्ध आर्थिक अपराध के मामले में लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने गत दिवस आय पर्याप्त होने एवं फर्जी नंबर के आधार पर पुस्तकों का संचालन करने के मामले मेें विघालय प्रबंधन को दोषी मानते हुये 6 करोड 25 लाख रूपये अविभावकों को उनके खाते में वापिस करने के आदेश जारी किये थे।

मंगलवार को फिर कलेक्टर कोचर ने एक और मामले में विद्यालय के द्वारा 2 करोड 47 लाख रूपये को दूसरी संस्थाओं को देने के मामले में कार्यवाही की है। सेन्ट जॉन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल जबलपुर नाका दमोह द्वारा सोसायटी, जगमाता स्कूल फाप्सी बालनगिर उड़ीसा एवं क्वीन मारीस स्कूल भोपाल को हस्तांतरित किए गए 02 करोड़ 47 लाख रूपये के संबंध में कलेक्टर एवं जिला समिति अध्यक्ष सुधीर कुमार कोचर द्वारा सूचना पत्र जारी उक्त संस्थाओं को किन नियमों के तहत इतनी बडी़ राशि हस्तांतरित की गयी, ये संस्थाएं कहां स्थित हैं आदि जानकारी चाही गयी थी। विद्यालय प्रबंधन द्वारा दिये गये उत्तर में यह लेख किया है कि सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 एवं आयकर अधिनियम 1961 अन्तर्गत ऐसा कोई विशेष प्रावधान अथवा नियम नहीं है, जो किसी चौरिटेबल ट्रस्ट को इसकी मूल सोसायटी या उसकी शाखाओं को राशि हस्तांतरित करने से रोकता हो परन्तु विद्यालय प्रबंधन के द्वारा उक्त दोनों एक्टध्अधिनियम अन्तर्गत ऐसे किसी नियम का उल्लेख नहीं किया जो किसी चौरिटेबल ट्रस्टध्सोसायटी को उसकी मूल सोसायटी या उसकी शाखाओं को राशि हस्तांतरित करने की अनुमति प्रदान करता हो।

ज्ञात हो कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह उल्लेख किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 08 सितम्बर 2017 को जारी किसी निर्णय में यह माना है कि निजी विद्यालय अपने ट्रस्टमूल सोसायटी अथवा उसकी शाखाओं को कुछ शर्तो के साथ शैक्षणिक उद्देश्य हेतु राशि हस्तांतरित कर सकता है परन्तु विद्यालय प्रबंधन द्वारा वर्णित सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के संबंध में ना तो याचिका क्रमांक का उल्लेख किया है और ना ही निर्णय की प्रति प्रस्तुत की है बल्कि स्वतः ही निर्णय की व्याख्या कर दी है जो कि औचित्यपूर्ण प्रतीत नहीं होता है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा जगमाता स्कूल फाप्सी बालनगिर उड़ीसा एवं क्वीन मारीस स्कूल भोपाल के बैंक खाते क्रमांक एवं आई.एफ.एस.सी. तो उपलब्ध कराए गए परन्तु सोसायटी का बैंक खाता क्रमांक एवं आई.एफ.एस.सी. आदि उपलब्ध नहीं कराए गए। विद्यालय प्रबंधन द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया कि जो राशि सोसायटी को हस्तांतरित की गयी वह सर्वाइट सिस्टर्स सोसायटी भोपाल को की गयी है अथवा किसी अन्य सोसायटी को की गयी है क्योकि सोसायटी संबंधी जानकारी अस्पष्ट एवं अपूर्ण रूप से प्रस्तुत की गयी है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने उक्त मामले में सेन्ट जॉन्स सीनियर सेकेण्डरी स्कूल प्रबंधन से 5 दिन के भीतर मामले में जानकारी देने कहा है।

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(Udaipur Kiran) / हंसा वैष्णव

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