एसजीपीसी सदस्याें की मांग, चाैड़ा काे सिख पंथ से निकालें जत्थेदार
चंडीगढ़, 7 दिसंबर (Udaipur Kiran) । अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह द्वारा धार्मिक सजा सुनाए जाने के बाद अकाली नेता सुखबीर बादल व अन्यों ने जहां शनिवार को फतेहगढ़ साहिब में अपनी सजा शुरू की वहीं सुखबीर बादल पर हमला करने वाले कट्टर पंथी नारायण सिंह चौड़ा के समर्थन में दल खालसा खड़ा हो गया है।
सुखबीर बादल व अन्यों को बीती दो दिसंबर को सजा सुनाई गई थी। इसके बाद चार दिसंबर को सजा के दौरान कट्टरपंथी नारायण सिंह चौड़ा ने सुखबीर बादल को गोली मारने का प्रयास किया। सुखबीर बादल शनिवार को फतेहगढ़ साहिब के गुरूद्वारा साहिब में अपनी सजा काटने के लिए पहुंचे। इस बीच दल खालसा के परमजीत सिंह मंड आज दोपहर अपना मांगपत्र लेकर श्री अकाल तख्त सचिवालय पहुंचे। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह वहां मौजूद नहीं थे। जिसके चलते उनका मांग पत्र नहीं लिया गया। लेकिन मंड ने अपने समर्थकों के साथ श्री अकाल तख्त साहिब पर मांग पत्र चिपका दिया। परमजीत सिंह मंड ने कहा कि यह मांगपत्र नारायण सिंह चौड़ा के समर्थन में हैं, क्योंकि, उनकी पगड़ी सरेआम उतारी गई।
उन्होंने अकाली दल के बयानों का विरोध करते हुए कहा कि चौड़ा ने उस सुखबीर बादल पर गोली चलाई, जिन्होंने खुद श्री अकाल तख्त साहिब के सामने खड़े होकर माना कि बेअदबी मामले में उनका हाथ था। चौड़ा ने गोली क्यों चलाई, ये खुद वे ही स्पष्ट कर सकते हैं। लेकिन उनकी मांग उनकी पगड़ी उतारने वाले शख्स पर कार्रवाई करने की है। चौड़ा की पगड़ी उस समय उतारी गई, जब वे पुलिस गिरफ्त में थे।
दूसरी तरफ शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक से पहले आंतरिक कमेटी के सदस्य भी आज जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह से मिलने पहुंचे। अंतरिम कमेटी ने एक ज्ञापन श्री अकाल तख्त कार्यालय में सौपा है। इसमें चार दिसंबर को दरबार साहिब पर गोली चलाने वाले नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेकने (सिख समुदाय से निकालने) की मांग की गई है। सुखबीर बादल पर हुए हमले पर चर्चा के लिए एसजीपीसी ने नौ दिसंबर को बैठक बुलाई है।
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(Udaipur Kiran) शर्मा