CRIME

साइक्लोनर टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई, 1.20 लाख के पांच इनामी अपराधियों को पकड़ा

jodhpur

जोधपुर, 01 जून (Udaipur Kiran) । जोधपुर रेंज की साइक्लोनर टीम की एक बार फिर से ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिली है। साइक्लोनर टीम ने देश के अलग-अलग शहरों से 1.20 लाख रुपयों के पांच इनामी आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। इन्हें गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने तीन अलग-अलग ऑपरेशन सगरवंशी, शकीरा और दंश नाम से चलाए।

पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि सबसे बड़ी कार्रवाई ऑपरेशन सगरवंशी के तहत की गई, जिसमें 50 हजार का इनामी बारूडी, गुड़ामालानी बाड़मेर निवासी भागीरथराम पुत्र गोरधनाराम गिरफ्तार हुआ। उस पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में वांछित भागीरथ पर ड्रग्स और शराब तस्करी, हत्या का प्रयास, वाहन चोरी समेत दर्जनों मामले दर्ज हैं। सात साल से फरार भागीरथ को पकडऩे के लिए दस महीने से विशेष अभियान चलाया जा रहा था। राजस्थान के बाड़मेर, बालोतरा, फलोदी, जोधपुर और जालोर में वह वांछित था। पिछले छह महीने से गोवा में रह रहा भागीरथ ड्रग्स से कमाए पैसों को शराब की दुकानों में निवेश कर रहा था। उसने तीन दुकानें खरीद ली थीं और परिवार को भी गोवा शिफ्ट कर लिया था। हर एक-दो महीने में गुड़ामालानी आकर पुराने साथियों से मिलता और हिसाब-किताब कर लौट जाता। पुलिस की साइक्लोनर टीम तीन बार गोवा गई, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। अंतत: उसके ससुराल वालों की निगरानी से उसका पता चला और एक शराब की दुकान खरीदते समय उसे दबोच लिया गया। पकड़े जाने पर भागीरथ ने अपनी पत्नी को कोसते हुए कहा कि उसी के चक्कर में नशे के धंधे में कूदा और आज उसी की संपत्ति खरीदने की जिद के कारण मार्केट आया और पकड़ा गया। नहीं तो कभी पकड़ा नहीं जाता।

ससुराल से दहेज में मिला जहर का कारोबार

भागीरथ के अनुसार वह ईमानदारी से कमाकर अपना जीवन यापन करना चाहता था। तभी उसने पहले खेती। फिर मुंबई में किराने की दुकान पर नौकरी, फिर सूरत में लम्बे समय तक हीरे तराशने का काम, फिर ट्रक का काम किया, पर पत्नी और ससुराल वालों के लगातार ताने देने और उकसाने से ढेर सारा पैसा कमाने की ललक में जहर के कारोबार में कूद पड़ा। ससुराल के परिवार के कई रिश्तेदार पहले से ही नशे की तस्करी के धंधे में लगे थे। बहनोई भागीरथ को धंधे के प्रारंभिक गुर उन्होंने ही सिखलाये और फिर बहनोई को तरक्की के तथाकथित रास्ते पर आगे बढ़ाने में सहयोग करते रहे।

एमए पास पत्नी ने की 8वीं पास भागीरथ की मदद

आठवीं पास पति भागीरथ की एमए पास पत्नी कमला प्रेरणा और सहारा बनकर जहर के कारोबार में पति का कदम कदम पर सक्रिय सहयोग करती रही तो साला सुखराम तो कंधे से कंधा मिलाकर नशे के कारोबार का साझीदार बना रहा। अभी तक पकड़े गए ज्यादातर सरगना या तो मध्यप्रदेश या फिर झारखण्ड या फिर मणिपुर से अपना धंधा चलाते रहे। पर यह पहला ऐसा सूत्रधार पकड़ा गया जिसने मध्य प्रदेश, झारखण्ड और मणिपुर तीनो ही राज्यों में अपने धंधे का जाल बुन रखा था

बदमाशों का सहयोगी भी धरा गया

भागीरथ की पूछताछ से उसके सहयोगी दिनेश का पता चला, जिस पर दस हजार का इनाम था। धोरीमन्ना में कॉलेज चलाने वाला दिनेश बड़े तस्करों को शरण देता था। वह पुलिस की हरकतों पर नजर रखता और अपराधियों को सतर्क करता था। उस पर हत्या का प्रयास, मारपीट और परीक्षा घोटाले के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने उसे भी पकड़ा है।

ऑपरेशन शकीरा में दो और सफलता

बीस हजार के इनामी राकेश मतवाला को कपरड़ा के खेजड़ली से गिरफ्तार किया गया है। तीन साल से नशे के बड़े कारोबारी के रूप में उभर रहे राकेश पर तस्करी, आर्म्स एक्ट और वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। वह खेत की ऊंचाई पर बने ठिकाने में छिपा था, जहां पुलिस मोटरसाइकिल से पहुंची और उसे दबोच लिया। इसी दौरान दस हजार का इनामी सुनील भी पकड़ा गया, जो सांचौर के लक्ष्मण देवासी हत्याकांड में वांछित था। उसने अपना नाम रॉबिन बिश्नोई रख लिया था और दिनेश सहारण की बहन को धर्म बहन बनाकर उसके फार्म पर रह रहा था।

30 हजार के इनामी दिनेश को भी पकड़ा

ऑपरेशन दंश के तहत बालोतरा से 30 हजार के इनामी दिनेश को पकड़ा गया। बालोतरा, बाड़मेर और चित्तौडग़ढ़ में वांछित दिनेश पिछले 16 वर्षों से नशे का कारोबार कर रहा था। आईजी विकास कुमार ने बताया कि सभी बदमाश आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। पुलिस की विभिन्न साइक्लोनर टीमों ने लंबी निगरानी और रणनीतिक कार्रवाई से इन्हें गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों की गिरफ्तारी से क्षेत्र में नशा और अपराध के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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