
दुमका, 22 मई (Udaipur Kiran) । जेल गए तीन साइबर अपराधियों के खिलाफ 60 दिन के अंदर अदालत में चार्जशीट नहीं दाखिल करना साइबर इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार को भारी पड़ गया। पुलिस के वरीय पदाधिकारियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर गुरुवार को इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया।
न्यायालय में निर्धारित समय पर चार्जशीट नहीं पहुंचने से साईबर अपराधियों को मिली जमानत की खबर 12 मई को (Udaipur Kiran) में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। जिसका असर देखने को मिला और वरीय पुलिस पदाधिकारी ने लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया। दरअसल मसलिया थाना की पुलिस ने नौ मार्च को तीन साइबर अपराधियों को रंगे हाथ पकड़ा था। खूंटोजोरी गांव के असलम अंसारी, इमामुददीन अंसारी व उस्मान अंसारी को उस समय घर से पकड़ा गया, जब वे लोगों को अपने झांसे में लेने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने तीनों के पास चार मोबाइल भी जब्त किए थे।
केस की जांच साइबर इंस्पेक्टर को दी गई। उन्हें 60 दिन के अंदर तीनों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल करनी थी। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उनकी इस लापरवाही का फायदा बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने उठा लिया और उन्होंने 61 वें दिन 10 मई को अदालत में जमानत अर्जी लगा दी। अदालत ने चार्जशीट के अभाव में तीनों साइबर अपराधियों को जमानत दे दी। पुलिस के अधिकारियों ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए जांच कराई तो पता चला कि इंस्पेक्टर की उदासीनता की वजह से समय पर चार्जशीट जमा नहीं की जा सकी, जिसका फायदा आरोपितों को मिल गया। इसी जांच रिपोर्ट को आधार मानते हुए इंस्पेक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
दुमका एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने गुरुवार को बताया कि इंस्पेक्टर ने समय पर अदालत में डायरी समर्पित नहीं की, जिस कारण गिरफ्त में आए तीन साइबर अपराधियों को आसानी से जमानत मिल गई। इसी कर्तव्यहीनता की वजह से इंस्पेक्टर के खिलाफ निलंबन की यह कार्रवाई की गई है।
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(Udaipur Kiran) / नीरज कुमार
