
जयपुर, 26 मार्च (Udaipur Kiran) ।देशभर में 12 से ज्यादा साइबर ठगी करने वाले दो ठगों को विद्याधर नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये दोनों ठग पिछले 9 महीने से एक युवती के साथ साइबर ठगी कर 6 लाख रुपए ले चुके थे।दोनों से पूछताछ में सामने आया कि इंस्टाग्राम औ यू्ट्यूब से ठगी का तरीका सिखा था।
पुलिस ने सौरभ कासोटिया (22) और नेमीचंद (25) को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि इनके खिलाफ देशभर में 12 से ज्यादा मामले दर्ज है। ये आरोपी फर्जी सिम से ठगी कर उसे तोड़ दिया करते थे। दोनों ने ठगी के लिए इंस्टाग्राम पर जेजे कलेक्शन और कुर्ती हब के नाम से पेज बना रखा था। जहां कम रुपए में अच्छा मटेरियल देने का लालच देकर ये पूरा स्कैम करते थे।
एडिशनल डीसीपी नॉर्थ बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि 24 मार्च को दया शंकर गुप्ता ने विद्याधर नगर थाने में उनकी बेटी के साथ हुए साइबर फ्रॉड की रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया कि 1 जुलाई 2024 को उनकी बेटी ने इंस्टाग्राम के एक पेज से 700 रुपए का कुर्ता ऑर्डर किया था। इसके बाद धोखाधड़ी करने वाले बदमाशों ने जीएसटी चार्ज के नाम 1700 रुपए की मांग की। इसके बाद इन्होंने जुर्माना, कानूनी नोटिस और झूठे आरोप लगाकर धमकाना शुरू किया। झूठा दावा किया गया कि इन सब की वजह से उनके बेटे की मौत हो गई है। इसके बाद वह पुलिस कार्रवाई के नाम रुपए लेते रहे।
कॉल डिटेल को खंगाला, ऑनलाइन शॉपिंग के नाम लालच देते
शेखावत ने बताया कि मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाई गई। पीड़ित की ओर से दिए बदमाशों के 24 से अधिक मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाल कर उस पर काम करना शुरू किया। इसके बाद आरोपियों के बारे में पता चला। टीम ने झालाना डूंगरी की कच्ची बस्ती से सौरभ और सिद्धार्थ नगर कानोता से नेमीचंद को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सौरभ ने बताया कि उसने इंस्टाग्राम पर जेजे कलेक्शन और कुर्ती हब नाम से दो अलग-अलग पेज बनाकर साइबर ठगी शुरू की। दोनों मिलकर ऑनलाइन शॉपिंग में कम रेट के कपड़े देकर लोगों को जाल में फंसाते थे। इतना ही नहीं दोनों बदमाश लोगों को झूठे केस में फंसाकर ब्लैकमेल कर रुपए ऐंठ लिया करते थे। इसके बाद इन्हें अलग-अलग खाते में ट्रांसफर कर इन्हें बंद करवा देते थे। थे। बदमाशों के मोबाइल सिम नम्बरों व खातों के खिलाफ भारत के विभिन्न राज्यों में 12 से ज्यादा शिकायत साइबर पुलिस पोर्टल पर दर्ज है।
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(Udaipur Kiran)
