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सीजेआई के साथ भी साइबर फ्रॉड हो चुका है, पुलिस इन केसों में इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है : हाईकोर्ट

हाईकोर्ट जयपुर

जयपुर, 31 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर फ्रॉड के ढाई साल पुराने मामले में कार्रवाई

नहीं होने और इन केसों में हो रही बढोतरी को गंभीर माना है। अदालत ने

मौखिक रूप से राज्य सरकार को कहा कि जब सीजेआई के साथ ही साइबर फ्रॉड हो

चुका है तो फिर पुलिस ऐसे मामलों में इतनी लापरवाह कैसे हो सकती है। अदालत

ने पुलिस को कहा है कि यदि 30 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो 30 सितंबर को

डीजीपी व्यक्तिगत तौर पर अदालत में हाजिर होकर इस संबंध में स्पष्टीकरण

दें। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश 60 लाख रुपये के साइबर फ्रॉड के मामले में

राकेश तोतुका की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि मामला

वर्ष 2022 से चल रहा है, लेकिन आरोपिताें के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सुनवाई

के दौरान अधिवक्ता प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि फरवरी 2022 में

याचिकाकर्ता ने साइबर पुलिस थाने में उसकी सिम को स्वैपिंग कर 60 लाख रुपये

के साइबर फ्रॉड का केस दर्ज कराया था। मामले की जांच में पता चला कि उसकी

रकम पश्चिम बंगाल व उड़ीसा के छोटे-छोटे खातों में जमा हुई और पूरा रुपया

उसी दिन कैश करा लिया गया। पुलिस को अनुसंधान में आरोपिताें के नाम भी पता

चल गए हैं, लेकिन ना तो उनसे रुपये की रिकवरी हुई और ना ही उनकी गिरफ्तारी

ही हुई। मामले में पुलिस ने मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी को भी नोटिस दिया,

लेकिन उसने दो साल में यह नहीं बताया कि उसने किसे सिम जारी की थी। ऐसे में

याचिकाकर्ता की एफआईआर पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जाए।

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(Udaipur Kiran)

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